मिक्सर प्लांट से गूंथा जा रहा भंडारे के लिए आटा, ट्रैक्टर की ट्रालियों में पक रही खीर और सब्जी
MP News: ग्वालियर के घाटीगांव सिरसा में प्रतिदिन 50 हजार लोग भंडारे का प्रसाद ग्रहण करने पहुंच रहे हैं। यहां बिल्डिंग बनाने में सीमेंट कांक्रीट तैयार करने वाले मिक्सर प्लांट में मालपुआ के लिए आटा गूथा जा रहा है।
ग्वालियर के घाटीगांव सिरसा में प्रतिदिन 50 हजार लोग भंडारे का प्रसाद ग्रहण करने पहुंच रहे हैं। यहां बिल्डिंग बनाने में सीमेंट कांक्रीट तैयार करने वाले मिक्सर प्लांट में मालपुआ के लिए आटा गूथा जा रहा है। सिरसा के देवनारायण मंदिर में 22 जनवरी से भंडारे का आयोजन चल रहा है जिसका समापन 28 जनवरी को होगा। यहां तकरीबन एक सैकड़ा से अधिक लोग खाना बनाने में जुटे हुए हैं। बताया गया है कि ट्रैक्टर की ट्रालियों में खीर और आलू की सब्जी पकाई जाती है।
40 गांवों से पहुंचते हैं लोग
आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग पर घाटीगांव इलाके के सिरसा गांव में देवनारायण मंदिर है। यहां हर वर्ष शीतलदास महाराज द्वारा विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है। 22 जनवरी से प्रारंभ भंडारे का समापन 28 जनवरी को होगा। यहां आसपास के तकरीबन 40 गांवों के लोग पहुंचकर कथा और भंडारा का हिस्सा बनते हैं। यहां बच्चों के लिए प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जा रहा है। बताया गया है कि प्रतिदिन यहां सुबह से रात तक 50 हजार से ज्यादा लोगों द्वारा पहुंचकर भण्डारे का प्रसाद ग्रहण किया जाता है। यहां आटे को गूथने का काम मिक्सर मशीन से किया जाता है। जबकि ट्रालियों में खीर व सब्जी पकाकर वितरित की जाती है। समापन के दिन यहां एक लाख से अधिक लोगों के भंडारे में पहुंचने की संभावना जताई गई है।
प्रतिदिन पक रही 50 क्विंटल खीर व 40 क्विंटल सब्जी
भण्डारे में भोजन तैयार करने वाले कारीगरों की मानें तो यह प्रतिदिन 50 हजार से अधिक लोगों को खाना बनाया जाता है। जिसमें 40 क्विंटल आटा के मालपुआ बनाए जाते हैं। बताया गया है कि मालपुआ के लिए आटा तरल स्वरूप में गूथना पड़ता है। हाथों से इतनी तादात में आटा गूंथना संभव नहीं है। जिसके कारण सीमेंट कांक्रीट मिक्स करने वाले मिक्सर प्लांट का उपयोग आटा गूंथने के लिए किया जा रहा है। इसके साथ ही यहां 50 क्विंटल खीर और 40 क्विंटल आलू की सब्जी पकाई जाती है।
400 कार्यकर्ता परोसते हैं भोजन
सिरसा देवनारायण मंदिर में व्यवस्था संभाल रहे लोगों का कहना है कि एक सैकड़ा कारीगरों द्वारा भोजन पकाने की व्यवस्था की जाती है तो वहीं 400 कार्यकर्ताओं के जिम्मे भोजन परोसने की जिम्मेदारी रहती है। यहां पहुंचने वाले भक्तों को जमीन पर बैठाकर भोजन कराया जाता है। अलग-अलग लाइन में बैठकर महिला व पुरुष भंडारे का प्रसाद ग्रहण करते हैं। एक बार में यहां एक हजार लोगों को भोजन एक साथ परोसा जाता है। इस संबंध एसडीओपी घाटीगांव संतोष पटेल का कहना है कि सात दिनों तक चलने वाले इस आयोजन को लेकर पुलिस द्वारा भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। लोगों की सुरक्षा के लिए यहां 24 घंटे फोर्स तैनात रहती है।