एमपी ग्वालियर में डॉयल 100 को खुद मदद की दरकार, खराब हैं 18 व्हीकल
ग्वालियर की डॉयल 100 सेवा को खुद मदद की जरूरत है। घटना के बाद स्पॉट पर पहुंचकर पीड़ित की तत्काल मदद करने का दावा करने वाली डॉयल 100 के अधिकांश वाहन थानों या लाइन में खड़ी कबाड़ होने की स्थिति में हैं।
ग्वालियर की डॉयल 100 सेवा को खुद मदद की जरूरत है। घटना के बाद स्पॉट पर पहुंचकर पीड़ित की तत्काल मदद करने का दावा करने वाली डॉयल 100 के अधिकांश वाहन थानों या लाइन में खड़ी कबाड़ होने की स्थिति में हैं। यहां कुल 45 पॉइंट में डॉयल 100 तैनात रहती हैं जिनमें से 18 पॉइंट की गाड़ियां खस्ताहाल और जर्जर स्थिति में पहुंच गई हैं।
किराए पर ले रखी हैं गाड़ियां
डॉयल 100 की सेवा आम लोगों को मिलती रहें इसके लिए पुलिस ने किराए पर गाड़ियां लेकर पॉइंट पर तैनात किया है। जिससे किसान घटना के बाद स्पॉट पर पहुंचकर पीड़ित को तत्काल मदद मुहैया कराया जा सके। कंपनी ने टेंडर की भरपाई करने के लिए खराब हुई 18 गाड़ियों के बदले किराए पर ली गई हैं। एक प्राइवेट ट्रेवल्स एजेंट से एग्रीमेंट के जरिए गाड़ियों को प्रति माह 18 हजार रुपए के किराए पर लिया गया है। इसके साथ ही गाड़ी को हर तीन दिन में 3 हजार रुपए का डीजल भी सरकारी पेट्रोल पंर से डलवाकर देती है। बताया गया है कि इंदरगंज थाना क्षेत्र के रामदास घाटी, गोला का मंदिर थाने, हस्तिनापुर, मोहना, उटीला, पनिहार, हजीरा थाना, आंतरी गिरवाई थाना, कंपू जोन, बिजौली आदि ऐसे पॉइंट हैं जहां के डॉयल 100 वाहन खस्ताहाल हैं।
नियम बदलने से बिगड़ गया काम
इन गाड़ियों को बनाने के लिए भोपाल पुलिस मुख्यालय ने टेंडर निकालकर पुणे की बीवीजी नाम की एक फोर व्हीलर गाड़ियां बनाने वाली कंपनी को दिया गया था। जिसमें यह एग्रीमेंट हुआ था कि 5 साल बाद नवंबर 2020 में पुरानी हो चुकी गाड़ियों को बदलकर नई गाड़ियां दी जाएंगी। कंपनी का कहना है कि 2015 में जब उसने पुलिस को देने के लिए गाड़ियों का टेंडर लिया था उस समय भाजपा की सरकार थी किंतु वर्ष 2020 के चुनाव में कांग्रेस की सरकार बन गई थी। कांग्रेस सरकार बनते ही सारे नियम भी बदल दिए गए थे। जिसके कारण गाड़ियां बदलकर कंपनी नहीं दे पाई थी। वह पुलिस को गाड़ियां बदलकर दे पाती किंतु उसके पूर्व 15 महीने के बाद ही कांग्रेस की सरकार हटकर दोबारा भाजपा सरकार बन गई जिससे चलते कंपनी गाड़ियां नहीं बदल पाई।
इनका कहना है
डॉयल 100 के जोनल हेड दीपक भार्गव की मानें तो जो प्रोजेक्ट था वह पांच साल के लिए था। अब लगभग 7 साल 6 माह हो गए हैं। जिससे गाड़ियों की हालत काफी खस्ता हो गई है। जो गाड़ियां खराब हालत में हैं उनको बदलकर किराए पर गाड़ियां ली गई हैं। शहर के थानों में 30 और देहात थानों में 15 गाड़ियां तैनात हैं। जो पुरानी गाड़ियां अब चलने की स्थिति में नहीं हैं उनकी रिपोर्ट बनाकर भेज दी गई है।