देर रात जिला अस्पताल पहुंचे प्रभारी मंत्री, अधिकारियों के फूले हांथ-पांव, अव्यवस्था देख लगाई कड़ी फटकार

मध्य प्रदेश के गुना जिले (Guna District) के प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Minister Pradhuman Singh Tomar) अचानक रात के समय जिला अस्पताल पहुंच गये।

Update: 2021-08-26 06:44 GMT

Guna / गुना। जिले के प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर अचानक रात के समय जिला अस्पताल पहुंच गये। मंत्री जी के आने की जानकारी न होने से स्वास्थ्य अमला उपके स्वागत के लिए नहीं पहुंचा। वह सीधे अस्पताल के वार्डों में गये और वहां का हाल देखा। वहीं रोगियों से भी जानकारी एकत्र की। अस्पताल में मिली कमियों पर उन्होने नाराजगी जाहिर करते हुए अस्पताल के अधिकारियों को कडे़ निर्देश दिये। डाक्टरों को जब अचानक प्रभारी मंत्री के अस्पताल आने की जानकारी मिली तो उनके हांथ-पैर फूल गये।

प्रभारी मंत्री जा रहे थे ग्वालियर

प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर भोपाल से ग्वालियर जा रहे थे। गुना में उनके रूकने का कोई कार्यक्रम पहले से निश्चित नहीं था। अचानक ही उनका मूड बदला और वह रात के दस बजे सीधे जिला अस्पताल पहुंच गये। वहां उन्होने वार्डों की ओर रुख कर दिया। वह निरीक्षण करते हुए वर्ड के अंदर बने टायलेट तक चेक किया।

नाले से बह रहा था पानी

बताया जाता है कि प्रभारी मंत्री जांच के दौरान वार्ड के टायलेट का भी निरीक्षण किया। जहां नल से लगातार पानी बह रहा था। इसके बाद वह वहीं पास में गंदगी दिखी जिस पर वार्ड के लोगों ने मंत्री जी से कहा यहां कोई देखने या सुनने वाला नहीं है। इसके बाद मंत्री श्री तोमर ने जल्द से जल्द व्यवस्था ठीक करने के निर्देश दिए।

रोगियों का इलाज करें रेफर नहीं

भ्रमण के दौरान प्रभारी मंत्री को जानकारी मिली कि यहां ऑर्थोपेडिक रोगियों को रेफर ज्यादा किया जाता है। जिस पर प्रभारी मंत्री ने डाक्टरों को सख्त हिदायात देते हुए कहा कि अवश्यकता पड़ने पर ही रोगियों को रेफर किया जाय। अगर यहां संसाधन मौजूद हैं तो रोगियों का समुचित इलाज किया जाना चाहिए।

हर जरूरतमंद को मिले सरकार की योजना का लाभ

निरीक्षण के दौरान उन्होंन अधिकारियों को सख्त लहजे में कहा कि प्रदेश की शिवराज सरकार का उद्देश्य है कि हर जरूरतमंद को शासकीय सुविधा का लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक हर हाल में सेवाएं पहुंचनी चाहिए। यही सरकार का लक्ष्य है। अस्पताल में पाई गई कमियां कों ठीक किया जाय।

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