SatyaPrem Ki Katha Movie Review: सत्य प्रेम की कथा फिल्म रिव्यू
SatyaPrem Ki Katha Film Review: सत्यप्रेम की कथा ऐसी फिल्म है जो आपको गहरा सन्देश तो देना चाहती है लेकिन दे नहीं पाती
SatyaPrem Ki Katha Film Review: Kartik Aaryan और Kiara Advani की फिल्म Satyaprem Ki Katha रिलीज़ हो चुकी है. इस फिल्म का निर्देश समीर विद्वांस ने किया है. यह फिल्म अपने ट्रेलर से काफी अलग है. ट्रेलर में तो यही समझ में आया था कि इसमें दो प्रेमी जोड़े और उनके रिश्ते के बीच में आने वाले विलन्स हैं. लेकिन पूरी फिल्म देखने के बाद समझ में आया कि इस फिल्म के कंटेंट में दम है.
सत्यप्रेम की कथा रिव्यू
इस कहानी का हीरो है सत्यप्रेम जिसका निकनेम है सत्तू, उससे कोई प्यार नहीं करता, हर कोई ताना मारे बगैर उसकी तरफ देखना पसंद नहीं करता। घर में सत्तू और उसके पिता रहते हैं और कमाने के लिए मां-बहन जाती हैं. सत्तू के पास ना तो पैसे हैं और ना ही इज्जत लेकिन उसे शादी करने की चूल मची है. वो एक कथा नाम की लड़की को पसंद करता है, लेकिन वो अमीर घराने से थी इसी लिए दोनों की शादी होने का कोई सीन ही नहीं था. इस इम्पॉसिबल रिश्ते में नया मोड़ आता है. कथा का रिश्ता खुद गरीब सत्तू के घर में आता है. ऐसा कैसे हुआ, यही तो ट्विस्ट है.
ट्रेलर और फिल्म में काफी अंतर है, मेकर्स ने ये काम बहुत मस्त किया है. इससे फिल्म का ट्विस्ट और सस्पेंस बना रहता है. लेकिन बीच-बीच में आने वाले गाने, जबरजस्ती का ह्यूमर इस फिल्म में गैरजरूरी लगता है. कार्तिक आर्यन ने ‘प्यार का पंचनामा’ और ‘सोनू के टीटू’ जैसी फिल्मों जैसे किरदार किए हैं इसमें वो वैसे नहीं बल्कि एक भोंदू लड़के बने हैं जो इमोशनल है. लेकिन मेकर्स ने जानबूझकर ‘प्यार का पंचनामा जैसा डायलॉग घुसेड़ा है जिसकी जरूरत नहीं थी.
कैसी है सत्यप्रेम की कथा
यह फिल्म ओवरऑल वन टाइम वाच तो है ही, लेकिन आप इसे सबसे अच्छी लव स्टोरी तो नहीं कह सकते। फिल्म में बेकार के कुछ सीन्स हैं जिन्हे नहीं जोड़ा जाता तो भी कुछ बिगड़ता नहीं। देखा जाए तो इस फिल्म को देखने में कोई बुराई नहीं है.