एमपी भोपाल में तैयार किया जाएगा तुलसी वन, 67 प्रजाति की मिलेंगी तुलसी

तुलसी की बढ़ती मांग को देखते हुए भोपाल में तुलसी वन तैयार किया जाएगा। जिसमें 67 प्रजाति की तुलसी लगाई जाएंगी।

Update: 2023-01-05 09:31 GMT

तुलसी की बढ़ती मांग को देखते हुए भोपाल में तुलसी वन तैयार किया जाएगा। जिसमें 67 प्रजाति की तुलसी लगाई जाएंगी। सामाजिक वानिकी विभाग द्वारा कुछ नर्सरियों में इन्हें तैयार करने का निर्णय लिया गया है। जिनमें विमला, सौंफ, अफ्रीकन, अमेरिकन सहित अन्य प्रजातियों की तुलसी का रोपण किया जाएगा।

पायलट प्रोजेक्ट के तहत होगा काम

अनुसंधान एवं विस्तार शाखा के अधिकारियों के मुताबिक यह कार्य पायलट प्रोजेक्ट के तहत होगा। जिसमें अहमदपुर नर्सरी में तुलसी वन बनाया जाएगा। इसके बाद स्टेट तुलसी वन भी बनाया जाएगा। यहां देश भर में मिलने वाली तुलसी की प्रजाति के साथ ही राम और श्याम तुलसी को भी तैयार किया जाएगा। जानकारों की मानें तो तुलसी का वैज्ञानिक नाम ओसीमम सेक्टम है। देश के अलग-अलग राज्यों में 67 प्रजाति की तुलसी पाई जाती हैं। यह अलग-अलग क्लाइमेट में अलग-अलग असर दिखाती हैं। तुलसी वन विकसित होने के बाद यहां 67 प्रजाति की तुलसी उपलब्ध रहेंगी। मध्यप्रदेश की बात की जाए तो यहां सात प्रकार की तुलसी पाई जाती हैं। जिनमें श्याम तुलसी, राम तुलसी, सौंफ तुलसी, वन तुलसी, लेमन ग्रास तुलसी, मरुआ तुलसी और विमला तुलसी शामिल हैं।

देश में तुलसी पर हो चुकी हैं दो रिसर्च

देश में तुलसी पर दो रिसर्च भी हुई हैं। जिसमें पहली रिसर्च पटना विश्वविद्यालय में बायोटेक्नोलॉजी विभाग के समन्वयक डॉ. वीरेन्द्र प्रसाद ने इंसान के जीन से 70 प्रतिशत तक मेल खाने वाले जीव सी-इलेगेंस पर पीयू में रिसर्च किया। इस वर्म की उम्र 15 दिन रहती है। रिसर्च के दौरान जब इस पर तुलसी का प्रयोग किया गया तो इसकी उम्र बढ़कर 23 दिन की हो गई। उत्तरप्रदेश के मेरठ स्थित चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में दूसरी रिसर्च की गई। जिसमें तुलसी के रासायनिक संगठन के बारे में पता लगाया गया। यहां अमेरिकन तुलसी, अफ्रीकन तुलसी, वन तुलसी, राम तुलसी आदि प्रजातियों पर रिसर्च किया गया।

इनका कहना है

इस संबंध में एपीसीसीएफ अनुसंधान एवं विस्तार एचसी गुप्ता की मानें तो अनुसंधान और विस्तार विभाग में कई तरह के प्रोजेक्ट प्रारंभ किए जा रहे हैं। जिसमें तुलसी वन भी शामिल है। जिसमें देश और विदेश में पाई जाने वाली 67 प्रजाति की तुलसी का रोपण किया जाएगा। यहां बॉटनी के छात्र तुलसी पर रिसर्च भी कर सकेंगे।

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