एमपी भोपाल में पेरेंट्स का पांच वर्ष पूर्व हुआ था तलाक, बच्चों की जिद के आगे फिर हुए एक

भोपाल में पति-पत्नी का पांच वर्ष पूर्व तलाक हो गया था। किन्तु बच्चों की जिद के आगे उन्हें झुकना पड़ा और आखिरकार वे फिर एक हो गए।

Update: 2022-12-26 07:51 GMT

भोपाल में पति-पत्नी का पांच वर्ष पूर्व तलाक हो गया था। किन्तु बच्चों की जिद के आगे उन्हें झुकना पड़ा और आखिरकार वे फिर एक हो गए। बच्चों द्वारा इसके लिए भाई वेलफेयर संस्था की मदद ली गई। पांच साल पहले तलाक ले चुके मां-बाप की जहां दोबारा शादी कराई गई तो वहीं कोर्ट में चल रहे सभी प्रकरणों को विड्रा कर लिया।

जब दोनों का तलाक हुआ तो बच्चे थे नाबालिग

बताया गया है कि जिस दौरान दंपत्ति का तलाक हुआ था उस वक्त दोनों बच्चे नाबालिग थे। बेटी की उम्र 13 वर्ष थी जब बेटा 14 वर्ष का था। कोर्ट से हुए तलाक के बाद जहां आपसी सहमति से बेटी को पत्नी को सौंपा गया था तो वहीं बेटा अपने पिता के साथ गया था। इस दौरान दोनों अलग-अलग शहरों में रहने लगे। इस दौरान दोनों बच्चों सहित माता-पिता की मुलाकात एक पारिवारिक कार्यक्रम के दौरान जहां बच्चों ने मां के चेहरे पर उदासी साफ देखी। जिसकी वजह से बच्चों ने माता-पिता को फिर एक करने का निर्णय लिया।

बच्चों ने फोन कर मांगी विधिक सहायता

इस दंपत्ति का तलाक वर्ष 2017 में हुआ था। भाई वेलफेयर सोसायटी के फाउंडर मेंबर जकी अहमद की मानें तो तलाक के बाद बेटी पुणे पढ़ने के लिए चली गई थी तो बेटा बेंगलुरू में हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करता था। अब दोनों वयस्क हो गए हैं। फैमिली फंक्शन में दोनों की मुलाकात हुई इस दौरान बच्चों ने देखा कि मां बहुत उदास थी। जिस पर उनके द्वारा उन्हें फिर से मिलाने की ठानी गई और इसके लिए उन्होंने भाई वेलफेयर सोसायटी को फोन पर विधिक सहायता मांगी। इस दौरान उन्हें फोन पर बताया गया था कि वह अपने पैरेंट्स को लेकर काफी परेशान हैं। दोनों का तलाक हो गया किन्तु अभी तक दोनों ने दूसरी शादी नहीं की है। इस दौरान दोनों को पुनः मिलाने की बात भी फोन पर कही गई थी।

मंदिर में दोबारा की शादी

भाई वेलफेयर सोसायटी के फाउंडर मेंबर जकी अहमद के अनुसार संस्था ने बच्चों के अभिभावकों से संपर्क किया। इस दौरान लगभग एक तक अभिभावकों की काउंसलिंग चली। जिसमें बच्चों द्वारा भी उन्हें समझाइश दी गई। जिसके बाद दोनों ने बच्चों की बात मानते हुए आर्य समाज मंदिर में दोबारा शादी कर ली। शादी के सर्टीफिकेट के आधार पर कोर्ट में चल रहे आवेदनों को खत्म करने की अर्जी लगाई गई जिसे कोर्ट द्वारा स्वीकार कर लिया गया।

Tags:    

Similar News