एमपी के भोपाल में बगैर बिजली गुल किए लाइनों की होगी मरम्मत, नहीं लगेगा करंट
अब बिजली लाइनों में आने वाले फाल्ट की मरम्मत बिना बिजली गुल किए की जा सकेगी। इसके लिए बेयर हैंड मेथड का उपयोग किया जाएगा।
अब बिजली लाइनों में आने वाले फाल्ट की मरम्मत बिना बिजली गुल किए की जा सकेगी। इसके लिए बेयर हैंड मेथड का उपयोग किया जाएगा। मध्यप्रदेश ट्रांसमिशन के कर्मचारी 132केवी, 220केवी और 400 केवी क्षमता की लाइनों में दौड़ रहे करंट के बावजूद आसानी से मेंटीनेंस कर सकेंगे। इसके लिए बिजली कट करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इंसुलेटेड एरियल प्लेटफॉर्म और विशेष सूट से यह संभव
चालू विद्युत लाइनों में मरम्मत करने में अब कर्मचारियों को दिक्कतें नहीं आएंगी। कंपनी ने कर्मचारियों के लिए इंसुलेटेड एरियल प्लेटफॉर्म और विशेष सूट के माध्यम से यह संभव हो सकेगा। मेंटेनेंस के दौरान कर्मचारियों को करंट नहीं लगे और न ही इसके लिए बिजली कंपनी को शट डाउन करना पड़े इसके लिए 45 मीटर ऊंचे प्लेटफॉर्म पर चढ़ने और 35 किलो वजनी विशेष सूट पहनकर सुधार कार्य किया जाएगा। जिसके जरिए 400 केवी, 220 और 132केवी लाइनों का मरम्मत बगैर बिजली गुल किए संभव हो सकेगा।
ब्राजील में बने हैं प्लेटफॉर्म के पार्ट्स
मध्यप्रदेश ट्रांसमिशन कंपनी के एमडी सुनील तिवारी की मानें तो इंसुलेटेड एरियल प्लेटफॉर्म के पार्ट्स ब्राजील में बने हैं। बताया गया है कि देश की कंपनी ने इसे असेम्बल किया है। मशीन को बेयर हैंड मेथड नाम दिया गया है। इस तरह की मशीनें मध्यप्रदेश में अभी केवल दो जगह ही हैं। एक मशीन भोपाल में होनी बताई गई है जबकि दूसरी मशीन जबलपुर में है। इस मशीन में एक साथ चार कर्मचारी चढ़कर मेंटीनेंस का कार्य कर सकते हैं। इस दौरान बगैर शटडाउन किए चालू लाइन पर तारों को छूकर आसानी से सुधार का कार्य किया जा सकेगा।
इसलिए नहीं लगेगा करंट
चालू लाइनों में भी अब बिजली मरम्मत का कार्य हो सकेगा। इस दौरान कार्य कर रहे कर्मचारियों को करंट का झटका नहीं लगेगा। इसके पीछे जो वजह बताई जा रही है वह यह है कि इंसुलेटेड एरियल प्लेटफॉर्म और कर्मचारियों को दिये जाने वाले विशेष सूट इंसुलेटेड रहेंगे। यानी कि मेंटेनेंस के दौरान कर्मचारियों का शरीर भी उतने ही वोल्ट से चार्ज रहेगा जितनी क्षमता की विद्युत लाइन है। इस दौरान अर्थिंग नहीं मिलने के कारण कर्मचारी को करंट नहीं लग सकेगा। मध्यप्रदेश ट्रांसमिशन कंपनी के एमडी की मानें तो इसके लिए कंपनी के ऐसे कई कर्मचारियों की बेंगलुरू में ट्रेनिंग कराई गई है। इस कार्य को केवल ट्रेंड कर्मचारी ही कर सकते हैं।