एमपी के भोपाल में मुल्जिम को थाने में पीटा तो उसकी चीख दूर तक सुनाई देगी, जानें कैसे
अब यदि पुलिस स्टाफ थाने लाए गए मुल्जिम के साथ मारपीट करती है तो उसकी चीख दूर तक सुनाई देगी। भोपाल पुलिस कमिश्नरेट के 30 थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का कार्य तकरीबन पूरा कर लिया गया है।
अब यदि पुलिस स्टाफ थाने लाए गए मुल्जिम के साथ मारपीट करती है तो उसकी चीख दूर तक सुनाई देगी। सुप्रीम कोर्ट के फरमान के बाद भोपाल पुलिस कमिश्नरेट के 30 थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का कार्य तकरीबन पूरा कर लिया गया है। प्रत्येक थाने में 13-13 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। जिनमें आवाज भी रिकार्ड होगी। थाने से दूर बैठे अफसर भी रिकार्डेड आवाज को सुन सकेंगे।
दो सिपाही हो चुके हैं सस्पेंड
थाने में लगाए गए सीसीटीवी कैमरे पुलिस की हर गतिविधि पर नजर रखेगा। थाने में मुल्जिम के साथ किस तरह का व्यवहार किया जाता है आवाज रिकार्ड होने के कारण इसका भी पता लगाया जा सकेगा। हाल ही में शाहपुरा थाने के दो सिपाहियों को इन्हीं कैमरों की मदद से सस्पेंड भी किया जा चुका है। दोनों सिपाहियों की शिकायत डीसीपी जोन-1 के पास की गई थी। सत्यता का पता लगाने जब थाने के कैमरों के फुटेज देखे गए तो आरोप सही पाए गए और दोनों सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया गया।
कैमरा खराब हुआ तो फौरन ठीक कराना होगा
विभिन्न थानों की एंट्री-एग्जिट, हवाला, मालखाना, ड्यूटी ऑफिसर, थाना प्रभारी के चैंबर, विवेचक कक्ष आदि स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। भोपाल सीपी मकरंद देऊस्कर की मानें तो थाने का एक भी कैमरा खराब हुआ तो उसे फौरन ठीक कराना होगा। जिसकी जिम्मेदारी थाने के टीआई और एचसीएम की रहेगी। पुलिस मुख्यालय की रेडियो शाखा प्रदेश के सभी थानो में कैमरे लगाने का काम कर रही है। यदि कैमरा खराब हुआ तो तत्काल इसकी सूचना कंपनी को देनी होगी। इस दौरान कंपनी को दस दिन के भीतर कैमरा सुधारना होगा।
मारपीट व खराब व्यवहार की मिलती थी शिकायतें
थानों में संदिग्ध या मुल्जिम के साथ मारपीट और थाने पहुंचने वाले फरियादियों के साथ अक्सर खराब व्यवहार की शिकायतें पुलिस अधिकारियों को मिलती रहती थीं। सुप्रीम कोर्ट के फरमान के बाद थानों में कैमरा लगाए जाने का निर्णय लिया गया। अब तक 30 थानों में कैमरा लगाए जाने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है। कई बार बेकसूर पुलिसकर्मी को भी आम व्यक्ति की झूठी शिकायत पर विभागीय सजा भी मिल जाती थी। किन्तु अब कैमरे लग जाने के बाद विभागीय जांच और शिकायतों का पता आसानी से सकेगा।