स्वास्थ्य विभाग का अलर्टः ठंड से बचने बंद कमरे में न चलाएं रूम हीटर, जहरीली गैस से जा सकती है जान

ठंड के दिनों में आपको विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के सीएमएचओ, सिविल सर्जन को शीतलहर को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है।

Update: 2023-01-01 10:22 GMT

ठंड इन दिनों अपने शबाब पर है। हर दिन तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। शीतलहर के चलते सर्द हवाओं का सेहत पर भी असर पड़ता है। कभी-कभी तो इसकी चपेट में आने से लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ती है। ठण्ड का सर्वाधिक असर बुजुर्गों और बच्चों पर ज्यादा होता है। ठंड के दिनों में आपको विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के सीएमएचओ, सिविल सर्जन को शीतलहर को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है।

बन सकती है कार्बन मोनोआक्साइड गैस

स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि सर्दी के दिनों में कमरे के भीतर रूम हीटर चलाते हैं। इस दौरा घरों में उपयोग होने वाले हीटर, फायर पॉट का बंद कमरों में उपयोग न करें। बंद कमरों में इनका उपयोग करने से कार्बन मोनोआक्साइड की जहरीली गैस बन सकती है। यह गैस जहरीली होने के कारण आपकी जान तक ले सकती है। बंद कमरों में कोयला-अंगीठी या अलाव का उपयोग करने से बचना चाहिए। क्योंकि इनसे खतरनाक कार्बन मोनोआक्साइड गैस उत्पन्न होती है।

इन बातों का रखें ख्याल

एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि शीतलहर के दौरान नाक बहना, नाक बंद होना, फ्लू, नाक से खून आने जैसे लक्षण भी सामान्यतः सामने आते हैं। ऐसे में लोगों को तत्काल चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। विटामिन सी युक्त फल एवं सब्जियों का पर्याप्त सेवर करें ताकि रोग प्रतिरोधक क्षमता एवं शरीर का तापमान संतुलित रह सके। शीतलहर से बचने के लिए यथासंभव कम यात्रा करें और घरों के अंदर रहना चाहिए। इस दौरान ऊनी कपड़ों के कई परतों द्वारा सिर, गर्दन, हाथ और पैरों की अंगुलियों को ढंकना चाहिए।

हाइपोथर्मिया होने पर यह करें

हाइपोथर्मिया (अल्पताप) में शरीर का तापमान सामान्य से कम हो जाता है। ऐसे में इससे ग्रसित लोगों को तुरंत गर्म कपड़े पहनाएं और गर्म स्थान पर रखें। इस दौरान गरम पेय पदार्थ देकर शरीर के तापमान को बढ़ाएं। लम्बे समय तक ठंड में रहने से बचें। शराब का सेवन करने से बचें क्योंकि इससे शारीरिक तापमान घटता है और हथेलियों की रक्त धमनियों में संकुचन होने से अल्पताप की ज्यादा संभावना होती है। इस दौरान यह भी ध्यान रखें कि हाइपोथर्मिया से पीड़ित जब तक होश में न आ जाए तक उसे कोई भी तरल पदार्थ न पिलाएं।

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