एमपी भोपाल में देश की पहली सरकारी होम्योपैथी फार्मेसी इसी वर्ष होगी शुरू
देश की पहली सरकारी होम्योपैथी फार्मेसी इसी वर्ष प्रारंभ हो जाएगी। भोपाल स्थित सरकारी होम्योपैथिक कॉलेज में कुछ दवाएं बनाने के साथ ही इसकी शुरुआत होगी।
देश की पहली सरकारी होम्योपैथी फार्मेसी इसी वर्ष प्रारंभ हो जाएगी। भोपाल स्थित सरकारी होम्योपैथिक कॉलेज में कुछ दवाएं बनाने के साथ ही इसकी शुरुआत होगी। शुरुआत होने के बाद धीरे-धीरे इसका उत्पादन बढ़ाया जाएगा। आयुष विभाग के अधिकारियों की मानें तो यहां कम से कम 600 तरह की दवाइयां बनाई जाएंगी।
उपकरणों की खरीदी में लग गए 12 साल
होम्योपैथी फार्मेसी भोपाल स्थित सरकारी होम्योपैथी कॉलेज में हर साल 20 करोड़ रुपए तक की दवाएं बनाने का लक्ष्य है। इसके लिए भारत सरकार द्वारा वर्ष 2009 में एक करोड़ रुपए दिए गए थे किंतु दवाएं बनाने के उपकरणों की खरीदी में ही 12 साल लग गए। आयुष विभाग के अधिकारियों की मानें तो यहां शुरुआत में इतनी मात्रा में दवाइयां बनाई जाएंगी कि प्रदेश के सरकारी होम्योपैथी अस्पतालों की जरूरतों को पूरा किया जा सके।
बाजार में भी होंगी बिक्री
सरकारी होम्योपैथी अस्पतालों में अभी लगभग 145 तरह की दवाएं ही मरीजों को मिल पा रही हैं। आयुष विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह कोशिश रहेगी कि यहां कम से कम 600 तरह की दवाइयां बनाई जाएं। प्रदेश के सरकारी होम्योपैथी अस्पतालों में इन दवाइयों की खपत के बाद बची दवाइयों को बाजारी में भी बेचा जा सकेगा। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसके मिश्रा की मानें तो तीन करोड़ रुपए केन्द्र से और स्वीकृत हो गए हैं। इससे और उपकरणों की खरीदी के साथ ही दवाएं बनाने में उपयोग होने वाले कच्चे माल की खरीदी की जाएगी। दवाओं की जांच के लिए गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशाला का भी निर्माण होगा।
अलग-अलग चरणों में मिलेंगे 10 करोड़ रुपए
अधिकारियों की मानें तो उपकरणों की खरीदी सहित केमिस्ट, फार्मासिस्ट व अन्य कर्मचारियों की भर्ती इसी माह से प्रारंभ करने की तैयारी बनाई जा रही है। केन्द्र से मिलने तीन करोड़ रुपए की राशि का उपयोग होने के बाद अगली किस्त मिलेगी। बताया गया है कि इसके लिए अलग-अलग चरणों में केन्द्र से 10 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। फार्मेसी के लिए 6 करोड़ रुपए से भवन का निर्माण किया गया है। इस संबंध में आयुष राज्यमंत्री रामकिशोर कावरे का कहना है कि इसी वर्ष फार्मेसी को प्रारंभ करने की तैयारी है। अधिकांश व्यवस्थाएं हो गई हैं। यहां शोध को बढ़ावा देने के साथ ही अच्छी गुणवत्ता की दवाएं तैयार की जाएंगी।