एमपी भोपाल जिला अस्पताल का हाल, एम्बुलेंस से ढोए जा रहे गैस सिलेण्डर
भोपाल में सरकारी एम्बुलेंस सेवा का उपयोग गैस सिलेण्डर ढोने में किया जा रहा है। मरीजों की सहायता के लिए काम में आने वाली एम्बुलेंस से अस्पताल में मरीजों के लिए बनाए जाने वाले भोजन में इस्तेमाल होने वाले गैस सिलेण्डर ढोए जा रहे हैं।
भोपाल में सरकारी एम्बुलेंस सेवा का उपयोग गैस सिलेण्डर ढोने में किया जा रहा है। मरीजों की सहायता के लिए काम में आने वाली एम्बुलेंस से अस्पताल में मरीजों के लिए बनाए जाने वाले भोजन में इस्तेमाल होने वाले गैस सिलेण्डर ढोए जा रहे हैं। गैस गोदाम से इन सिलेण्डरों के एम्बुलेंस के माध्यम से ढोकर अस्पताल तक पहुंचाया जाता है। इसके साथ ही मरीजों के उपयोग में आने वाले स्ट्रेचर को भी इस कार्य में उपयोग किया जा रहा है।
मरीजों को समय पर नहीं मिलती एम्बुलेंस
राजधानी के जिला अस्पताल में एम्बुलेंस से रसोई गैस सिलेण्डर ढोने का मामला प्रकाश में आया है। यह एम्बुलेंस जेपी अस्पताल के सिविल सर्जन के अधीन हैं। सूत्रों की मानें तो अस्पताल के आसपास क्षेत्र के घायलों को समय पर एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं हो पाती हैं। एम्बुलेंस का इस तरह से उपयोग किया जाना कानूनी तौर पर भी गलत है। बताया गया है कि इस कार्य में अस्पताल के स्ट्रेचर का भी उपयोग किया जा रहा है। पहले एम्बुलेंस से गैस गोदाम से सिलेण्डर लाए जाते हैं उसके बाद अस्पताल के स्ट्रेचर में सिलेण्डरों को लादकर अंदर पहुंचाया जाता है। जिसका एक फोटो भी सामने आया है किंतु इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन कुछ कहने से पल्ला झाड़ रहा है।
ऑटो की तरह किया जा रहा उपयोग
सूत्रों की मानें तो यहां की एम्बुलेंस को ऑटो की तरह उपयोग में लिया जा रहा है। गैस सिलेण्डर ढोने के साथ ही अस्पताल की रसोई का सामान और सब्जी भी एम्बुलेंस द्वारा ही मंगाई जाती हैं। हालांकि इस पूरे मामले से अस्पताल प्रबंधन अनभिज्ञता जता रहा है। यहां उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व भी मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम में शव वाहन में अवैध शराब की तस्करी करते हुए भी पकड़ी जा चुकी है। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. राकेश श्रीवास्तव का कहना है कि एम्बुलेंस का उपयोग केवल मरीजों के लिए किया जाता है। सिलेण्डरों को ढोने में इनका उपयोग नहीं किया जा रहा है।