अनूपपुर न्यूज/इंसाफ के लिए 17 माह से भटक रहा आदिवासी सरपंच, सीईओ पर लगाए हैं कई आरोप....
अनूपपुर। सरकार आदिवासियो के आधिकार दिलाने की दुहाई देते हुए बडी-बडी बातें करती है। आज हालत यह है कि देश के संविधान में मिले आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा नही हो पा रही है। व्यवस्था पंगु होती जा रहा है। इसी का परिणाम है कि आदिवासी सरपंच से पहले रिश्वत मागने और बाद में अभ्रद्रता करने वाले सीईओ पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। वहीं सरपंच केा शिकायत किये 17 माह बीत गये है। अभी तक चालान पेश नही किया गया है। ऐसे में सीईओ के हौसले बुलंद हैं।
अनूपपुर। सरकार आदिवासियो के आधिकार दिलाने की दुहाई देते हुए बडी-बडी बातें करती है। आज हालत यह है कि देश के संविधान में मिले आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा नही हो पा रही है। व्यवस्था पंगु होती जा रहा है। इसी का परिणाम है कि आदिवासी सरपंच से पहले रिश्वत मागने और बाद में अभ्रद्रता करने वाले सीईओ पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। वहीं सरपंच केा शिकायत किये 17 माह बीत गये है। अभी तक चालान पेश नही किया गया है। ऐसे में सीईओ के हौसले बुलंद हैं।
जानकारी के अनुसार अनूपपुर के जनपद पंचायत जैतहरी के ग्राम पंचायत वेंकटनगर के सरपंच दादूराम पनिका ने 17 माह पहले थाने में एक शिकायत दर्ज करवाई है। शिकायत में सरपंच ने जनपद सीईओ इमरान सिद्दीकी पर रिश्वत मागने और जातिगत अभद्र टिप्पणी करने का आरोप है। जिसकी सरपंच ने स्वयं थाने में जाकर शिकायत दर्ज करवाई थी।
सरपंच दादूराम पनिका का कहना है कि 17 माह का समय बीत जाने के बाद भी पुसिल प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। ऐसे में लोकतंत्र की रक्षा कैसे होगी। आधिकारी कर्मचारी बेलगाम होते जा रहे है।
वहीं सरपंच दादूराम पनिका ने जानकारी देते हुए बताया कि गांव के सचिव से सीओने रिश्वत मांगी थी। रिश्वत की मांग पूरी न होने पर सीईओ इमरान सिद्दिकी ने खुद ग्राम पंचायत वेंकटनगर जाकर आदिवासी सरपंच से बात करने का प्रयास किया था। बताया जता है कि जब बात नहीं बनी तो सीईओ अभ्रदता करते हुए सरपंच पर जातिगण टिप्पणी की थी।