MP: अनूपपुर के शिवलहरा में मिली भगवान गणेश की प्राचीन प्रतिमा, इसका मतलब शिवपुराण 2000 साल से भी ज़्यादा पुराना

Ancient statue of Lord Ganesha found in Shivlahara Anuppur: मध्य प्रदेश के अनूपपुर में एक गुफा के अंदर 2400 साल पुरानी भगवान गणेश की 3D मूर्ति मिली है;

Update: 2022-11-14 07:58 GMT

Ancient statue of Lord Ganesha found in Anuppur: इतिहासकार कहते हैं कि सनातन धर्म के वेद और पुराण 2000 साल पहले लिखे गए हैं मगर इस दावे को मध्य प्रदेश के अनूपपुर में मिली भगवान गणेश की प्रतिमा गलत साबित करती है. अनूपपुर के कोतना तहसील के शिवलहरा स्थित केवाई नदी के किनारे एक चट्टान के अंदर गुफा मिली है. जिसके अंदर भगवान गणेश की 2400 साल पुरानी 3D प्रतिमा मिली है. मगर यह प्रतिमा अन्य गणेश मूर्तियों से अलग है. 

अनूपपुर शिवलहरा में मिली 2400 साल पुरानी गणेश जी की प्रतिमा 

शिवलहरा में मिली 2400 साल पुरानी गणेश जी की प्रतिमा एक गुफा के अंदर मिली है. जो 3D तरीके से बनाई गई थी. यह स्थान  केवाई नदी के किनारे है और यहीं चट्टान को काटकर गुफा बनाई गई है. यहीं ब्राह्मी लिपि मिली हैं जो मौर्यकालीन है. मतलब यह गुफा करीब 2400 साल पुरानी है. भगवान गणेश की पूजा का यह सबसे प्राचीन प्रमाण मिला है. 

यहां रहने वाले लोग करीब 2400 साल पहले से गणेश जी की पूजा करते आए हैं. लेकिन इस गुफा के अंदर मिली प्रतिमा अन्य मूर्तियों से थोड़ी अलग है. 

हाथी की सवारी करते हुए गणेश की प्रतिमा 

हम सब यह मानते हैं कि माता पार्वती और महादेव के पुत्र गणेश भगवान की सवारी चूहा है. मगर इस प्राचीन प्रतिमा में भगवान हाथी की सवारी करते नज़र आ रहे हैं. बाकी सब वैसा ही है जैसा हम देखते और पढ़ते आए हैं. 

मतलब शिवपुराण 2000 साल से ज़्यादा प्राचीन 

भारत के प्राचीन इतिहास के ज्ञानी और इतिहासकार मानते हैं कि सनातन धर्म से जुड़े पुराण 2000 साल से ज़्यादा पुराने नहीं है. मतलब अनूपपुर में मिली गणेश जी की प्रतिमा तो 2400 साल से ज़्यादा पुरानी है. बता दें कि भगवान शिव और उनकी महिला से जुड़े सभी लेख शिवपुराण में मिलते हैं. इसका मतलब का ही शिवपुराण के वजूद को लेकर कहे गए दावे गलत हैं. अगर शिवपुराण सिर्फ 2000 साल पहले लिखी गई है तो यहां भगवान गणेश की 2400 साल पुरानी प्रतिमा कहां से आई? क्या लोग बिना शिव के जाने ही गणेश जी की पूजा करने लगे थे? 

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