उज्जैन: पतंग बेचने वाले के पास चाइनीज मांझा मिला, तो प्रशासन ने घर में बुलडोजर चलवा दिया!
उज्जैन में चाइनीज मांझा बेचने वाले के घर में बुलडोजर चलवा दिया गया. लोग दहशत में हैं
Ujjain: मध्य प्रदेश में माहौल इस समय कुछ ऐसा है कि बात-बात पर घरों में बुलडोजर चलवा दिए जा रहे हैं. मामला कोर्ट में बाद में पहुंचता है और आरोपी को सज़ा पहले मिल जाती है. अब उज्जैन में एक व्यापारी के घर में बुलडोजर चलवा दिया गया है जो प्रतिबंधित चाइनीज मांझा बेचने का काम करता है. पुलिस ने आरोपी के पास से 48 गट्टी चाइनीज मांझा बरामद किया और उसके बाद नगर निगम और पुलिस ने मिलकर उसका घर ही गिरवा दिया।
मांझा बेचने पर घर में चला बुलडोजर
मामला उज्जैन के नीलगंगा थाना क्षेत्र के श्रीराम नगर का है. जहां के निवासी हितेश भीमवानी के पास से पिछले हफ्ते पुलिस ने 48 गट्ठी चाइनीज मांझा पकड़ा था. वह प्रतिबंधित मांझे को नानाखेड़ा बस स्टैंड में जाकर सप्लाई कर रहा था. इसी दौरान उसे पुलिस ने पकड़ लिया।
बता दें कि भारत के कुछ राज्यों की सरकार ने चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध लगाया है. क्योंकि यह कांच पीसकर बनाया जाता है जिसमे तेज़ धार होती है. पतंग उड़ाने वालों की उंगलियां, आसमान में उड़ रहे पंछियों के पर और सड़क से गुजर रहे लोगों की गर्दन इससे कट जाती है. कई ऐसे केस हुए हैं जब राहगीरों की जान सिर्फ चाइनीज मांझे की वजह से चली गई है.
दरअसल उज्जैन कलेक्टर ने भी महीने भर पहले आदेश जारी करते हुए कहा था कि चायना डोर का न तो भंडारण किया जा सकेगा और न ही इसकी खरीदी-बिक्री हो सकेगी। लेकिन आरोपी प्रतिबंध के बाद भी चाइनीज मांझा बेच रहा था. इसी लिए प्रशासन ने उसका घर ही तोड़ दिया
कहा घर अवैध था
जिला प्रशासन का कहना है कि आरोपी जिस घर में रहता है वह अवैध है. लेकिन आरोपी के पास से जबतक प्रतिबंधित मांझा नहीं पकड़ाया गया तबतक वो वैध था? यानी प्रशासन अवैध निर्माण तोड़ने के लिए तभी जाता है जब अवैध निर्माण करने वाला कोई गुनाह करता है या नियम तोड़ता है.
देखा जाए तो ये बुलडोजर के चल जाने के चलन से एमपी की जनता बेबस हो गई है. क्राइम कोई और करता है और सज़ा घर में रहने वाले सभी लोगों को मिलती है. आरोपी जेल चला जाता है और बाकी लोगों के पास रहने के लिए छत भी नहीं बचती है
लोगों का कहना है कि अगर शासन प्रशासन को चाइनीज मांझे से इतनी परेशानी है तो उनको क्यों नहीं पकड़ा जाता जो इसका प्रोडक्शन करते हैं? या विदेश से मंगवाते हैं.