अपनी जान की परवाह किये बिना शिप्रा नदी में डूब रहे दो लोगों की बचाई जिंदगी

उज्जैन। बाबा महाकालेश्वर की नगरी में एक तैराक ने अपनी जान की परवाह किये दो लोगों की जिंदगी बचाने में कामयाब रहा लेकिन अपनी जिंदगी गवां दी। बताया गया है कि शिप्रा नदी में डूब रहे मामी-भांजे को तैराक ने बचा लिया लेकिन खुद गहरे में डूब गया। हालांकि वहां उपस्थित अन्य तैराक उसे डूबते देख उसे बचाने का प्रयास किया और पानी से बाहर निकाला। लेकिन अस्पताल में डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

Update: 2021-02-25 10:22 GMT

उज्जैन। बाबा महाकालेश्वर की नगरी में एक तैराक ने अपनी जान की परवाह किये दो लोगों की जिंदगी बचाने में कामयाब रहा लेकिन अपनी जिंदगी गवां दी। बताया गया है कि शिप्रा नदी में डूब रहे मामी-भांजे को तैराक ने बचा लिया लेकिन खुद गहरे में डूब गया। हालांकि वहां उपस्थित अन्य तैराक उसे डूबते देख उसे बचाने का प्रयास किया और पानी से बाहर निकाला। लेकिन अस्पताल में डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

मिली जानकारी अनुसार महाराष्ट के जलगांव से हरीश नामक व्यक्ति अपनी मामी मंगलबाई के साथ उज्जैन महाकालेश्वर भगवान के दर्शन करने आया था। जहां वह शिप्रा नदी में स्नान करने गया। नदी में स्नान के दौरान मामी मंगलबाई गहरे पानी में चली गई। उसे बचाने के लिए भांजा हरीश भी पानी में कूदा लेकिन उसे तैरना नहीं आता था, उसने मदद की गुहार लगाई। वहीं मौजूद तैराक पंकज चावड़ा ने पानी में छलांग लगा दी। उसने मामी और भांजे को बचा लिया लेकिन खुद गहरे पानी चला गया और बाहर नहीं निकल पाया। जिससे उसकी मौत हो गई।

शिप्रा तट पर हुई इस घटना से वहां मौजूद लोगों की आंखे नम हो गई। जिसने भी घटना के बारे में सुना और जाना वह पंकज के बहादुरी की सराहना किये बिना नहीं रहा। लोगों ने कहा कि संसार ऐसे लोग बहुत कम है जो दूसरों के लिए अपनी जिंदगी की परवाह नहीं करते।

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