एमपी में खाद के बदले किसानों को मिली लाठियां, सुबह 5 बजे से लगे थे लाइन में
एक ओर किसान खाद के लिए परेशान है। तो वहीं दूसरी ओर प्रशासन व्यवस्था बनाने के नाम पर किसानों पर लाठियां बरसा रहा है।
उज्जैन। एक ओर किसान खाद के लिए परेशान है। तो वहीं दूसरी ओर प्रशासन व्यवस्था बनाने के नाम पर किसानों पर लाठियां बरसा रहा है। प्रशासन के मुखिया अपना अलग ही राग अलाप रहे हैं। विगत कई माह से खाद की किल्लत होने के बाद भी सरकार तथा प्रशासन खाद्य वितरण की समुचित व्यवस्था नहीं कर पाया है जिसका परिणाम है कि आए दिन किसानों पर लाठियां बरसाई जा रही हैं।
तराना कृषि उपज मंडी की घटना
उज्जैन के तराना तहसील की कृषि उपज मंडी में किसान सुबह 5 बजे से लाइन लगाए रहे। लेकिन उन्हें खाद नहीं मिली। ऐसे में दोपहर के समय कुछ किसान जबरन खाद उठा कर चलने लगे जिसके बाद पुलिस उन्हें डंडों से पीटना शुरू कर दी। आखिर व्यवस्था के नाम पर किसानों पर इस तरह से कब तक डंडे बरसाए जाएंगे।
नेता अफसर गायब
किसान की इन विषम परिस्थितियों में उसका साथ देने ना तो नेता सामने आ रहे हैं और ना ही प्रशासन के सक्षम अधिकारी ही खाद वितरण व्यवस्था की कमान संभाल रहे हैं। प्रदेश में कई जगह तो खाद वितरण मैं विवाद होने के बाद सक्षम अधिकारियों ने वितरण व्यवस्था ही बंद कर दी। तो वहीं कई जगह है दूसरे जगह वितरण शुरू कर दिया गया।
ऐसे बिगड़ा मामला
बताया जाता है कि तारा उपज मंडी में किसान सुबह 5ः00 बजे से खाद लेने के लिए लाइन लगाकर खड़े थे। लेकिन बाहर 12 बजे तक खाद वितरण नहीं शुरू किया गया। ऐसे में धीरे-धीरे किसानों की संख्या बढ़ती गई। अंततः किसान अपना धैर्य होते हुए सोसाइटी के गोदाम में घुस गए और यूरिया की बोरियां लूट कर ले जाने लगे। जिसे देख बाहर खड़ी किसानों की भीड़ गोदाम के अंदर दौड़ी। इस भगदड़ में पुलिस ने मोर्चा संभाला और खाद ले कर भाग रहे किसानों पर लाठियां बरसानी शुरू कर दी।
तराना के विधायक ने कहा
इस घटना की जानकारी होने के पश्चात विधायक महेश परमार ने कहा कि शासन-प्रशासन खाद की कालाबाजारी रोकने में नाकाम है। वही वितरण व्यवस्था किसानों को राहत नहीं पहुंचा पा रही है। किसानों को खाद की आवश्यकता है लेकिन वह मिल नहीं रही। मजबूरन किसान जब आंदोलित होता है तो उस पर डंडे चलाए जा रहे हैं। जो गलत है। कहा कि हम इसका विरोध करेंगे।