Pithori Amavasya 2021: कुशग्रहणी अमावस्या कल, करें शुभ कार्य, बरसेगी भगवान की कृपा
कुशग्रहणी अमावस्या (Kusha Grahani Amavasya) या पिठोरी अमावस्या (Pithori Amavasya) का दिन कल यानि 6 सिंतम्बर को हैं। जानिए इसके महत्व के बारे में..
कुशग्रहणी अमावस्या (Kusha Grahani Amavasya) या पिठोरी अमावस्या (Pithori Amavasya) का दिन कल यानि 6 सिंतम्बर को हैं। लेकिन अमावस्या दूसरे दिन 7 सितम्बर को भी सुबह 6 बजे तक है। ऐसे में सुबह स्नान के बाद पवित्र वस्त्र पहन कर कुश निकालना चाहिए। हिन्दू धर्म शास्त्र के अनुसार कुशग्रहणी अमावस्या (Kusha Grahani Amavasya) को बहुत ही शुभ माना जाता हैं।
इस दिन कई ऐसे कार्य किये जाते हैं जो सिर्फ कुशग्रहणी अमावस्या के दिन ही किया जा सकता है। न कर पाने पर पूरे वर्ष भर इंतजार करना पड़ता है। वहीं कई शुभ कार्य भी सम्पन्न किये जाते है। जिससे भगवान की कृपा हम पर बनी रहती है। ये व्यवस्था पुरातन काल से चली आ रही हैं। इसका पालन करना हर सनातन धर्म के व्यक्ति का परम कर्तव्य है।
क्या-क्या होता है कुशग्रहणी अमावस्या को
कुशग्रहणी अमावस्या के विषय में आम लोगो को ज्यादा पता नहीं है। इस दिन ज्यादातर लोग इसके कुशा निकालकर लाने का दिन मानते हैं। लेकिन ऐसा नही हैं इस दिन कुशा घर लाने के आलावा और भी कई कार्य किये जाते हैं जिनसे हम अपना और अपने परिवार का कल्याण कर सकते हैं।
भाद्रपद अमावस्या (Bhadrapada Amavasya) के दिन को बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन धन-संपत्ति, घर की सुख-शांति और पित्तरों को संतृष्ट करने के लिए कई पारंपरिक पूजा जिसे विधि-विधान से करनी चाहिए। ऐसे में निश्चित ही भगवान श्री हरि विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
बताया जाता है कि इस दिन कालसर्प दोष निवारण के लिए भी पूजा की जाती है। वहीं स्नान पूजा आदि के बाद दान करने का विशेष पुण्य बहुत अधिक महत्वपूर्ण माना गया है।
वर्ष भर चलता है इस दिन का कुशा
जैसा इस इस अमावस्या का नाम है क्रुशग्रहणी यानि कि कुश को ग्रहण करना। इस दिन मुख रूप से कुश को खेत से निकालकर घर लाया जाता है। कुशग्रहणी अमावस्या के दिन निकाल गया कुश का उपयोग वर्ष भर किया जाता है। इस कार्य को भी विधि विधान से पूरा किया जाना चाहिए।