Singrauli News: शासकीय स्वास्थ्य केन्द्रों की हालत दयनीय, समय से पहले घर चले जाते हैं डॉक्टर
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सिंगरौली (Singrauli) में शासकीय स्वास्थ्य केन्द्रों की हालत दयनीय है।
सिंगरौली। सरकार के लाख प्रयास के बाद भी शासकीय स्वास्थ्य केन्द्रों की हालत नहीं सुधर रही है। रोगी अस्पताल जाने के बाद जब डाक्टर नहीं मिलते वह मायूस होकर लौट आता है। या फिर किसी निजी डाक्टरों की क्लीनिक में जाकर लुटने को मजबूर है। कोरोना काल में सरकार ने प्रदेश के हर शासकीय चिकित्सालयों की दशा सुधाने में जुटा रहा। करोड़ों अरबो रूपये खर्च किये गये लेकिन हालत जस की तस है।
समय से पहले ही चले जाते हैं डॉक्टर
जानकारी के अनुसार जिला चिकित्साल सिंगरौली में वैसे तो डाक्टरों की कमी नही है। लेकिन डाक्टर अपने मनमानी पूर्ण रवैये की वजह से संकट पैदा कर रहे हैं। हालत यह है कि जिला चिकित्साल में पदस्थ डाक्टर समय से पहले ही ओपीडी से निकल जाते है।
12 बजते ही डाक्टर एक-एक कर निकलने लगते है। लंच का समय 1.30 बजे होता है लेकिन इसके पहले ही डाक्टर रफूचक्कर हो जाते हैं। फिर चाहे अस्पताल में रोगियों की लाइन ही क्यों न लगी रहे।
शाम की ओपीडी न के बराबर
एक ओर सरकार ने नियम बनाया है कि शाम के समय कीरब 1 घंटे ओपीडी का संचालन किया जाय। लेकिन यह केवल कागजी दिखावा साबित हो रहा है। न तो शाम के समय और अवकाश के दिन भी ओपीडी का संचालन में कोई दिलचस्पी दिखा रहा है।
क्या कहते हैं रोगी
वही अस्पताल आये रोगियों ने नाम छापने की सर्त पर खुलकर बात की। रोगियों तथा उनके साथ आये परिजनों का कहना है कि इस अस्पताल में दोपहर के 11.30 के बाद डक्टर भागने लगते हैं। 1.30 के पहले ही डाक्टर गायब हो जाते हैं।
अस्पताल के अन्य स्टाफ से पूछने पर कोई सीधे मुह बात नही करता। स्टाफ का एक रटा-रटाया जवाब रहता है क्या डाक्टर मुझे बता कर गये है कि मै बतादूं। वहीं कुछ स्टाफ का कहना रहता है कि वार्ड राउंड पर होगों जाकर देख लो।वही अगर स्टाफ या फिर डाक्टर से एक सवाल से ज्यादा पूछ लो तो वह मारपीट पर आमादा हो जाते हैं।