सिंगरौली: बेटे की मौत का मुआवजा पाने भटक रही मां, 7 साल से मिला केवल आश्वासन

जिले में प्रशासनिक उदासीनता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले सात साल से बेटे की मौत का मुआवजा पाने के लिए मां प्रशासनिक अधिकारियों का चक्कर लगा रही है।

Update: 2022-02-02 09:06 GMT

सिंगरौली: जिले में प्रशासनिक उदासीनता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले सात साल से बेटे की मौत का मुआवजा पाने के लिए मां प्रशासनिक अधिकारियों का चक्कर लगा रही है। लेकिन इन सात साल के लंबे अंतराल में मां को मिला तो केवल आश्वासन। मंगलवार को युवक की मां द्वारा आर्थिक सहायता राशि और नौकरी की मांग को लेकर कलेक्टर को आवेदन दिया गया है।

पुलिस की मारपीट से हुई थी बेटे की मौत

बताया गया है कि सात वर्ष पूर्व 27 दिसंबर 2015 को जिले की पचौर जेल में पुलिस प्रताड़ना और मारपीट की वजह से युवक पवन विश्वकर्मा की मौत हो गई थी। युवक की मौत के बाद जिला प्रशासन ने युवक के परिवार में से किसी एक को नौकरी और मुआवजा के तौर पर 10 लाख की राशि देने का आश्वासन दिया था। लेकिन इन सात वर्ष के अंतराल में मृतक के परिजनों को न तो नौकरी ही मिली और न ही मुआवजा की राशि।

क्या कहती है मृतक की मां

जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंची मृतक पवन की मां वेदवंती ने बताया कि मेरे बेटे की मौत पुलिस की मारपीट के कारण हुई है। सात वर्ष पूर्व प्रशासन द्वारा बेटे की मौत के बाद नौकरी और मुआवजा राशि देने की बात कही गई थी। लेकिन प्रशासन का आश्वासन केवल आश्वासन बन कर ही रह गया है। एक नहीं बल्कि कई बार मैने कलेक्ट्रेट में आकर कलेक्टर को आवेदन दिया। लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ।

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