एमपी के सिंगरौली में स्कूल की गिरी छत, तीन विद्यार्थी घायल, जिला चिकित्सालय में चल रहा इलाज
MP Singrauli News: स्कूल की छत का प्लास्टर भरभरा कर नीचे गिरने से तीन छात्र घायल हो गए हैं जिन्हे अस्पताल ले जाया गया।
MP Singrauli News: जिले के जर्जर शासकीय स्कूल की छत गिरने से विद्यालय में अध्ययनरत तीन विद्यार्थी घायल हो गए। घायल विद्यार्थियों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले जाया गया, जहां से सभी विद्यार्थियों को जिला चिकित्साल सिंगरौली रेफर कर दिया गया। यहां भर्ती घायल छात्रों की हालत सामान्य बनी हुई है।
बताया गया है कि जिले के उर्ती गांव स्थित सरकारी स्कूल की छत का प्लास्टर भरभरा कर नीचे गिर गया। अचानक हुए इस हादसे के कारण क्लासरूम में पढ़ रहे तीन विद्यार्थी इसकी चपेट में आने से घायल हो गए। गौरतलब है कि इस अप्रत्याशित घटना के कारण विद्यालय परिसर में भगदड़ की स्थिति निर्मित हो गई। अधिकतर विद्यार्थी तो अपना बैग लेकर घरों की तरफ भाग गए। ग्रामीणों को जैसे ही घटना का पता चला वह भागते हुए विद्यालय पहुंचे। घायल बच्चों पवन साकेत, अश्वनी जायसवाल और निरंजन जायसवाल के परिजन उन्हें लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे। बताया गया है कि क्लासरूम में तकरीबन तीस बच्चे बैठे हुए थे, जिसमें से तीन विद्यार्थियों को ज्यादा चोटें आने की वजह से अस्पताल ले जाया गया। अन्य छात्र इस घटना में बाल-बाल बच गए।
शिकायत के बाद भी नहीं हुआ समस्या का निराकरण
विद्यालय प्राचार्य वासुदेव जायसवाल माने तो स्कूल काफी जर्जर हालत में है। छत काफी समय से जर्जर हालत में है। कई जगह सीपेज हो रहा है। विद्यालय में व्याप्त समस्या को लेकर पूर्व में कई बार अधिकारियों को से शिकायत की गई। इसके बाद भी समस्या का निराकरण नहीं किया गया। अंततः यह हादसा हो गया। हालांकि घायल बच्चों को ज्यादा चोंट नहीं आई है, सभी बच्चे खतरे से बाहर बताए गए हैं। ऐसा नहीं है कि विद्यालय में मरम्मत का कार्य नहीं किया गया, लेकिन मरम्मत का कार्य पूरी तरह से खानापूर्ति में ही निपट गया।
अधिकतर विद्यालयों की यही स्थिति
शिक्षा विभाग से जुडे़ सूत्रों की माने तो जिले के अधिकतर विद्यालयों की यही स्थिति है। मरम्मत न होने के कारण विद्यालय की दीवारें, छत जर्जर हालत में है। अधिकारियों को विद्यालयों में व्याप्त समस्या के निराकरण को लेकर निर्देशित किया गया। इसके बाद भी समस्या के निराकरण को लेकर अधिकारीयों द्वारा कोई सार्थक प्रयास नहीं किया गया। जिसके कारण विद्यालयों की स्थिति बहुत ही दयनीय है। बरसात के मौसम में तो हमेशा ही छत और दीवार के गिरने का खतरा बना रहता है। अधिकारीयों को चाहिए कि वह विद्यालयों का निरीक्षण कर समस्या का निराकरण करने का प्रयास करें। जिससे ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो।