एमपी में मानवता शर्मसार कर देने वाला मामला आया सामने, सिंगरौली में खाट पर महिला का शव रखकर 10 किलोमीटर पैदल चले परिजन
MP Singrauli News: मध्यप्रदेश के सिंगरौली में मानवता को शर्मसार कर देने का मामला प्रकाश में आया है। यहां एम्बुलेंस मौके पर नहीं पहुँचने के कारण खाट पर शव ले जाना पड़ा।
मध्यप्रदेश के सिंगरौली में मानवता को शर्मसार कर देने का मामला प्रकाश में आया है। यहां एम्बुलेंस मौके पर नहीं पहुँचने के कारण खाट पर शव ले जाना पड़ा। इस दौरान परिजनों ने दस किलोमीटर की दूरी पैदल ही तय की। इसके बाद एक समाजसेवी द्वारा अपना वाहन प्रदान किया गया जिसके माध्यम से शव को गंतव्य तक पहुंचाने का कार्य किया गया। कुछ ऐसा ही मामला लगभग दो माह पूर्व भी प्रकाश में आया था किंतु इसके बावजूद प्रशासन द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
क्या है मामला
बताया गया है कि आदिवासी परिवार की महिला शांति सिंह की तबियत बिगड़ गई। सीधी जिले के भूमिमाड़ थाना क्षेत्र अंतर्गत केसलार निवासी उक्त महिला को उपचार के लिए परिजन सिंगरौली जिले के सरई थाना क्षेत्र अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य लेकर पहुंचे। जहां पर महिला का उपचार कराने के बाद परिजन उसे बांध पहाड़ गांव में नाना के घर ले गए। जहां पर गुरुवार की सुबह पुनः महिला की तबियत बिगड़ गई और उसने दम तोड़ दिया।
मौके पर नहीं पहुंचा शव वाहन
मृत महिला के परिजनों की मानें तो शव को ससुराल ले जाने के लिए परिजनों द्वारा डॉयल 100 के साथ ही कई बार सरई थाना को भी फोन लगाया गया किंतु उनकी मदद नहीं की गई। इसके साथ ही अस्पताल प्रबंधन से भी शव को घर ले जाने के लिए एम्बुलेंस की मांग की गई किंतु एम्बुलेंस मुहैया नहीं कराई गई। परिजनों का कहना है कि उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि प्राइवेट वाहन कर शव को वहां से ले जाएं। ऐसे में खाट में शव रखकर ले जाना उनकी मजबूरी थी। इस दौरान उन्होंने पैदल ही दस किलोमीटर तक का सफर तय किया गया। जिसके बाद समाजसेवी प्रेम भाटी सिंह द्वारा परिजनों की मदद करते हुए उन्हें अपना वाहन दिया गया। जिसके जरिए वह शव को लेकर गांव तक पहुंचे।
इनका कहना है
मामले के संबंध में सरई थाना प्रभारी नेहरू खंडाते का कहना है कि अस्पताल में उपचार के लिए महिला शांति सिंह को लाया गया था। उपचार के बाद उसे नाना के घर ले गए। जहां पर गुरुवार को उसकी तबियत बिगड़ने के कारण महिला ने दम तोड़ दिया। इस दौरान परिजनों द्वारा थाने में शव वाहन के लिए फोन लगाया गया था किंतु शव वाहन की व्यवस्था न होने के कारण उन्हें मुहैया नहीं कराया जा सका।