रीवा संभाग के एक दर्जन कालेजों में ताला लगाने की तैयारी, जानिए वजह...
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सतना। भाजपा सरकार में चुनावी सीजन में जिस तरीके से रेवड़ी की तरह कॉलेज बांटे और खोले गए वहां के हालात यह है कि इन कॉलेजों को छात्र ही नहीं मिल रहे हैं। दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में खोले गए कॉलेज की स्थिति तो यहां तक है कि कुछ में एक भी विद्यार्थी नहीं है। ऐसे में उच्च शिक्षा विभाग यहां होने वाले खर्च को अब वहन करने की स्थिति में नहीं है। लिहाजा अब निर्णय लिया गया है कि जिन कॉलेजों में 2 सौ से कम विद्यार्थी होंगे उन्हें बंद कर दिया जाएगा। रीवा संभाग में इस दायरे में आने वाले महाविद्यालयों की संख्या एक दर्जन के करीब बताई गई है। इसमें सर्वाधिक संख्या सतना जिले के कालेजों की है और ज्यादातर चुनावी घोषणा के तहत खोले गए थे। अब इन कालेजों को बंद करकने के लिये पूरा प्लान तैयार कर लिया गया है और जल्द ही इसका क्रियान्वयन किया जाएगा। हालांकि इस तरह के संकेत संबंधित कॉलेज प्रबंधन को दे दिये गए हैं लेकिन खुल कर अभी इस संबंध में कॉलेज प्रबंधन ऐसा बोल तो नहीं रहे हैं लेकिन इससे भी इंकार नहीं कर रहे हैं।
समीक्षा से सामने आया सच
उच्च शिक्षा विभाग ने हाल ही में महाविद्यालयों के दाखिले की समीक्षा में पाया कि प्रदेश में काफी संख्या ऐसे कालेज हैं जहां विद्यार्थियों की संख्या काफी कम है और इन कालेजों के संचालन में काफी खर्च हो रहा है। इसके अलावा कहीं कहीं तो विद्यार्थी ही नहीं है। ऐसे में यहां स्टाफ भी अनावश्यक खाली बैठा हुआ है। तो दूसरी जगह जहां छात्र संख्या काफी ज्यादा है वहां स्टाफ की कमी है। इसको देखते हुए निर्णय लिया गया है कि जिन महाविद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या 200 से कम होगी उन्हें बंद कर दिया जाएगा और यहां के विद्यार्थियों को निकटतम महाविद्यालयों में शिफ्ट किया जाएगा।
ये कॉलेज हैं बंद होने के दायरे में सतना जिले के जिन कालेजों पर बंद होने की तलवार लटक रही है उनमें शासकीय महाविद्यालय अमदरा विद्यार्थी संख्या 66, शासकीय महाविद्यालय बदेरा विद्यार्थी संख्या 51, शासकीय कालेज बिरसिंहपुर छात्र संख्या 56, शासकीय पुरुषोत्तम संस्कृत महाविद्यालय खजुरीताल 21, शासकीय महाविद्यालय नादन विद्यार्थी संख्या 0, शासकीय महाविद्यालय ताला विद्यार्थी संख्या 19 शामिल हैं। रीवा जिले में शासकीय महाविद्यालय मनगवां 174, शासकीय महाविद्यालय नस्तिगवां विद्यार्थी संख्या 121, शासकीय महाविद्यालय रायपुर कर्चुलियान 199, शासकीय व्यंकट संस्कृत महाविद्यालय रीवा विद्यार्थी संख्या 53 शामिल हैं। सीधी जिले में 200 से कम छात्र संख्या वाले कालेजों में शासकीय संस्कृत महाविद्यालय भिटारी विद्यार्थी संख्या 23, शासकीय महाविद्यालय चुरहट 42, शासकीय महाविद्यालय कुसमी 71 शामिल हैं। सिंगरौली जिले में शासकीय महाविद्यालय माड़ा विद्यार्थी संख्या 7, शासकीय महाविद्यालय राजमिलान 31 और शासकीय गल्र्स कॉलेज सिंगरौली में विद्यार्थी संख्या 93 शामिल हैं।
यह है वजह बताया गया है कि इन महाविद्यालयों में प्रतिमाह स्थापना व्यय ही काफी हो रहा है। इसके साथ ही यहां के प्रोफसर, कर्मचारियों सहित अन्य स्टाफ का वेतन काफी ज्यादा है। दूसरी ओर भवन, बिजली, पानी सहित अन्य बुनियादी सुविधायों का भी काफी अभाव है। ऐसे में न तो विद्यार्थी यहां पढऩे आ रहे हैं और न ही स्टाफ की रुचि महाविद्यालयों में रहने की दिख रही है। इन सब स्थितियों को देखते हुए अब 200 से कम विद्यार्थी संख्या वाले कालेजों को बंद करने की तैयारी कर ली गई है। विभाग ने इसका पूरा खाका भी तैयार कर लिया है। बताया गया है कि सतना जिले में कम विद्यार्थी संख्या वाले कॉलेजों में ज्यादातर चुनावी सीजन में की गई मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद खोले गए थे। अब हालात यह है कि जो विद्यार्थी एडमिशन लिये हैं वे भी अध्ययन के लिये यहां नहीं जा रहे हैं। कुछ तो सिर्फ स्कालरशिप के लिए नाम लिखाए हैं।
इस तरह के संकेत मिले हैं इस दायरे मे आने वाले महाविद्यालयों के प्रबंधन और अग्रणी महाविद्यालय के प्रोफेसर्स ने नाम न छापने की शर्त पर यह तो स्वीकार किया है कि इस तरह के संकेत मिले हैं। यह भी स्वीकार किया है कि भविष्य में यहां के विद्यार्थियों को बड़े कॉलेजों में शिफ्ट करने की प्लानिंग पर भी चर्चा हुई है। लेकिन यह लागू कब से होगा अभी स्पष्ट नहीं किया गया है।