शहडोल मेडिकल कालेज में 16 मरीजों की मौत का मामला फिर उछला, लपेटे में कलेक्टर, डीन, अधीक्षक व थाना प्रभारी

शहडोल। कोविड 19 की दूसरी लहर के दौरान मेडिकल कालेज शहडोल में 16 मरीजों की एक साथ मौत के मामले की जांच सीआईडी करने जा रही है।

Update: 2021-12-03 09:55 GMT

 शहडोल। कोविड 19 की दूसरी लहर के दौरान मेडिकल कालेज शहडोल में 16 मरीजों की एक साथ मौत के मामले की जांच सीआईडी करने जा रही है। माना जा रहा है कि कलेक्टर, डीन, अधीक्षक जैसे अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। जो जांच के लपेटे में आ गए हैं। जिन पर मामले में  लापरवाही करने का आरोप है। इस मामले में डा. बीएम भार्गव भोपाल के द्वारा की गई अपील पर मानवाधिकार नई दिल्ली ने संज्ञान में लिया है और उप पुलिस अधीक्षक (सीआईडी) जांच के लिये रीवा को सौंपा है। जिसकी जांच सीआईडी रीवा संभाग डीएसपी असलम खान द्वारा की जा रही है।

मांगे गए दस्तावेज

प्राप्त जानकारी अनुसार डीएसपी सीआईडी असलम खान द्वारा कलेक्टर, डीन, अधीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक को पत्र जारी कर घटना से जुड़े दस्तावेज मांगे गये हैं। जिसके बाद घटना की बारीकियों पर परीक्षण किया जाएगा। जांच के लपेटे में तत्कालीन कलेक्टर सतेंद्र सिंह, डीन डा. मिलिंद शिरालकर, अधीक्षक डा. नागेंद्र सिंह एवं थाना प्रभारी सोहागपुर योंगेंद्र सिंह हैं।

मेडिकल कॉलेज में तब मच गया था हाहाकार

आपको बता दें कि लगभग आठ माह पूर्व 17-18 अप्रैल 2021 की दरमियानी रात मेडिकल कालेज में उस समय हाहाकार मच गया था जब आक्सीजन सप्लाई बाधित होने से 16 मरीजों ने दम तोड़ दिया था। जिसकी गूंज पूरे देश में फैल गई थी। आरोप लगा था कि डीन और अधीक्षक द्वारा आक्सीजन की कमी के कारण कुछ खास लोगों को आक्सीजन की आपूर्ति कराई जा रही थी। शिकायत कर्ता बीएल भार्गव ने आरोप है कि निजी स्वार्थ के चलते पूंजीपतियों को लाभ दिलाने आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों के लिए आक्सीजन की सप्लाई बंद कर दी गई थी। पूरी घटना पर पर्दा डालने के लिए छोटे कर्मचारियों को बलि का बकरा बनाया गया था।

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