निराश्रित गोवंशों के लिए वनदान साबित हो रही गोवर्धन गोशाला : SHAHDOL NEWS
शहडोल। मुख्यमंत्री गो सेवा योजना अंतर्गत संचालित गोवर्धन गोशाला निराश्रित गोवंश के लिये वरदान साबित हो रही है। तो दूसरी ओर स्वसहायता समूह के सदस्यों के लिये आर्थिक स्वाबलंबन का मार्ग भी प्रशस्त कर रही है। कलेक्टर के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में पूरी तरह गोशाला का संचालन किया जा रहा है। शहडोल जिले के जनपद पंचायत जयसिंहनगर के कौआ सरई में संचालित गोशाला की शुरूआत मात्र 26 नग गौवंशो से हुई थी अब उस गोशाला में 228 गौवंश आश्रय प्राप्त कर रहे हैं।
शहडोल। मुख्यमंत्री गो सेवा योजना अंतर्गत संचालित गोवर्धन गोशाला निराश्रित गोवंश के लिये वरदान साबित हो रही है। तो दूसरी ओर स्वसहायता समूह के सदस्यों के लिये आर्थिक स्वाबलंबन का मार्ग भी प्रशस्त कर रही है। कलेक्टर के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में पूरी तरह गोशाला का संचालन किया जा रहा है। शहडोल जिले के जनपद पंचायत जयसिंहनगर के कौआ सरई में संचालित गोशाला की शुरूआत मात्र 26 नग गौवंशो से हुई थी अब उस गोशाला में 228 गौवंश आश्रय प्राप्त कर रहे हैं।
गोशाला के संचालन के लिए वर्षा स्व.सहायता समूह के सदस्यों से पशु चिकित्सा विभाग द्वारा प्रशिक्षित कराया गया जिससे वे सही तरीके से गोशाला संचालन, रख.रखाव एवं मौसमी बीमारियों से गोशाला वंश से बचा सके। स्वसहायता समूह कीअध्यक्ष रेखा पयासी बताती हैं कि पहले समूह के लोग छोटी मोटी मजदूरी एवं रोजगार कर के जीवन.यापन करते थे परन्तु शासन की इस योजना के कारण अब हम गौसेवा के साथ ही साथ पर्याप्त रोजगार एवं आर्थिक सम्पन्नाता की ओर अग्रसर हैं। साथ ही ऐरा गौवंश के कारण होने वाले फसल नुकसान से किसानों को राहत मिल रही है।
साथ ही साथ समूह सदस्यों को मनरेगा अंतर्गत कार्य दिवस भी उपलब्ध हो रहा है एवं शासन की मंशा अनुरूप जहां गोशाला निराश्रित गौवंश को आश्रय दे रहीं है। वहीं गौसेवा के माध्यम से समूह सदस्यों को भी आर्थिक रूप से सशक्त कर रही है। गोशाला में दुग्ध उत्पाद, गोबर, खाद एवं गौमूत्र से निर्मित होने वाले उत्पाद के साथ ही साथ गौकाष्ठ का कार्य भी समूह द्वारा प्रारंभ किया गया है।