रीवा में बारिश क्यों नहीं हो रही? अब तो जादूगर आनंद भी नहीं है जो बादल बांध दे!
रीवा में बारिश कब होगी: पिछले साल जब बारिश नहीं हो रही थी तब जादूगर आनंद को इतना कोसा गया था कि उसे अपना शो बंदकर जाना पड़ा था
Rewa Me Barish Kab Hogi: 'सावन में लग गई आग' ये गाना आपने सुना होगा। बड़ा हाइपोथेटिकल गाना है, लेकिन मध्य प्रदेश के रीवा जिले और विंध्य रीजन में रहने वाली पब्लिक के लिए यह रियल हो गया है. यहां की जनता वाकई में सावन के महीने में आग की लपटों की तरह गर्म, लुआर सहन कर रही है. दऊ हैं कि बरस ही नहीं रहे हैं. पनवाड़ी की दुकान में बैठने वाले चिचा लोग अब बारिश ना होने पर 'जादूगर आनंद' को भी गरिया नहीं सकते हैं. वो गरीब तो अब दोबरा कभी रीवा नहीं लौटने वाला, काहे कि पिछले सीजन में उसे बारिश बांधने का दोषी करार दे दिया गया था.
''लेकिन अब का होइगा दादा? अब ता जादूगर आनंदो नहीं आए के बादल बांध देय ... फेर काहे पानी नहीं बरसत लाग है?''
आपको याद होगा पिछले साल मशहूर जादूगर आनंद रीवा शहर में अपना मैजिक शो दिखाने के लिए आए थे, और संयोग से वो महीना जुलाई का ही था. इसी महीने में सावन मास लगता है. और सावन का मतलब ही है झमाझम बारिश। पिछले साल भी जुलाई में पानी की जगह आग बरस रही थी. मीडिया वालों को समझ में नहीं आ रहा था कि इसका दोष किसपर मढ़ दें! तभी रीवा के स्वघोषित मौसम वैज्ञानिकों ने बारिश ना होने का पूरा ठीकरा जादूगर आनंद पर फोड़ दिया था. आरोप लगाया गया कि :-
'या जादुगराई के चक्कर में आनंदबा रीवा मां पानी नहीं बरसें देत लाग है, ई ससुरा का हियां से भगाबा तब देखै खूब लबालब पानी गिरी, सार बादल बांध दिहिस हबे'
लोगों ने उस जादूगर पर करिश्माई रस्सी से बादल बांधने का आरोप लगा दिया था जो खुद ट्रांसपेरेंट रस्सी के सहारे लोगों को हवा में उड़ाकर करतब दिखाता था और उसे जादूगरी का नाम देता था.
खैर मजाक की बात को अब साइड में रखते हैं और सीधा पॉइंट में आकर ये जानने की कोशिश करते हैं कि 'रीवा में बारिश क्यों नहीं हो रही है'
रीवा में बारिश क्यों नहीं हो रही?
राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, नोएडा जैसे इलाकों में बूड़ा आया है. ये ऐसी जगहें हैं जहां आदमी हरियाली देखने को तरस जाता है लेकिन अपना रीवा जहां हर तरफ पेड़ ही पेड़ हैं यहां पानी ही नहीं गिर रहा? स्कूल की किताब में यहीं पढ़ाया गया था कि 'पेड़-पौधे ही बादलों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं' तो काहे विंध्य के पेड़ों का सिग्नल वीक हो गया है या फिर बादलों ने ठान लिया है कि इस बार 'दादू लैंड' की अवाम को 'मैं नाचू आज छम...छम. छम...' में नाचने नहीं देंगे?
भाईसाब ना तो जादूगर आनंद ने बारिश बांधी थी, ना पेड़ों का सिग्नल वीक हुआ है और ना ही इंद्र देव खिसियाए हुए हैं. रीवा सहित विंध्य में बारिश ना होने का कारण कुछ और ही है.
हमने भोपाल मौसम विज्ञान विभाग से यह पता लगाने के लिए सम्पर्क किया, IMD Bhopal की तरफ से बताया गया कि ना सिर्फ रीवा और रीवा संभाग बल्कि पूरे मध्य प्रदेश में यही हाल है. जुलाई के महीने में बा-मुश्किल से 3 बार ही ठीक-ठाक बारिश हुई है. इसका कारण है मानसून का कमजोर पड़ना। मानसून आया जरूर लेकिन दक्षिण-पश्चिमी हवाओं में उतनी नमी नहीं है कि झमाझम बारिश हो सके.
मानसूनी हवाएं दो तरफ से आती हैं, एक दक्षिण पूर्व और दूसरी दक्षिण पश्चिम। दक्षिण पश्चिम वाली मानसूनी हवाओं में मॉइस्चर की कमी है, शुष्क हवाएं बारिश में सहयोगी नहीं है. लेकिन तटीय क्षेत्रों में मामला अलग है. मध्य प्रदेश बीचो-बीच है इसी लिए हवाएं यहां पहुंचते-पहुंचते अपनी नमी खो देती हैं.
रीवा में बारिश कब होगी
IMD की मानें तो आने वाले दिनों में मूसलाधार बारिश की तो कोई उम्मीद नहीं है लेकिन थोड़ी बहुत बौछार पड़ सकती है. मजेदार बारिश के लिए आपको अगस्त तक इंतजार करना पड़ेगा। वैसे भी इतिहास गवाह है कि जब-जब रीवा में बाढ़ आई है वो अगस्त का ही महीना रहा है. तबतक के लिए आप शॉवर के नीचे खड़े होकर बरसात इमेजिन करिये