रीवा के ऑटो वाले की खुद्दारी: यात्री के 20 हज़ार लौटा दिए, इनाम के 400 रुपए लेने से भी मना कर दिया
Rewa's Auto Wale Ki Khuddari: एमपी रीवा के ऑटो वाले ने ईमानदारी की मिसाल पेश की है, पैसेंजर ने ऑटो में ही 20 हज़ार रुपए से भरा बैग छोड़ दिया था, जिसे ऑटो वाले ने लौटा दिया
Rewa: लालच, लोभ और माया से भरी इस दुनिया में ईमानदार लोग कम ही मिलते हैं, हालत तो ऐसे है की लोग अपने भले के लिए दूसरों की जेब कतर देते हैं, माहिलाओं की चैन, मोबाइल नोच लेते हैं. पैसों के लिए हत्या कर देते हैं, लेकिन बेईमानों से इस भरी दुनिया में आज भी ईमानदार लोग रहते हैं, मध्य प्रदेश के रीवा जिले के रहने वाले राजू साकेत ने ईमानदारी की मिसाल पेश की है. राजू पेशे से एक ऑटो ड्राइवर हैं और अपनी मेहनत का खाते हैं। गुरवार को उन्होंने एक पैसेंजर के नोटों से भरे बैग को वापस लौटा दिया जो उसके ऑटो में ही धोखे से छूट गया था। राजू अपना काम छोड़ कर उस पैसेंजर को ढूंढ रहा था जिसका बैग छूट गया था।
दरअसल गुरुवार की सुबह रीवा सिटी के नेहरू नगर के निवासी गजराज सिंह बघेल जो की एक रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर हैं वो बस राजू साकेत के ऑटो में सवार होकर बस स्टैंड जा रहे थे. जल्दबाज़ी में उन्होंने 20 हज़ार रुपए कैश से भरा हुआ बैग उसी ऑटो में भी भूल गए, बस स्टेशन में जब टिकट खरीदने के लिए उन्होंने पैसे निकालने की सोची तो पता चला की उनका बैग तो गायब है। वो बड़ा परेशान हो गए इधर-उधर भटकने लगे. फिर उन्होंने अपने बेटे संजय सिंह को फोन लगाया। जिसके बाद उस ऑटो वाले की ढुंढाई मच गई। शहर के सिरमौर चौराहे में गजराज सिंह और उनके बेटे समेत बहु नमृता सिंह भी उस ऑटो वाले को ढूढ़ने लगे। लेकिन वो ऑटो और उसका चालक कहीं मिल ही नहीं रहा था।
फिर ऑटो वाले ने खुद पुकारा
इधर पूरा परिवार ऑटो वाले को ढूंढ रहा था वहीं राजू साकेत उस पैसेंजर को ढूंढ रहा था जिसने 20 हज़ार रुपए से भरा बैग छोड़ दिया था, तभी राजू से सिरमौर चौक में गजराज सिंह को देख लिया और जोर से पुकारा, और उनके पास जा कर कहा "अरे अंकल जी आप अपना बैग तो ऑटो में भी भूल गए थे देख लीजिये सब सामान सलामत तो हैं ना" ऑटो वाले की ईमानदारी को देखकर गजराज सिंह बहुत खुश हो गए और उसे 400 रुपए इनाम के तौर पर देने लगे लेकिन राजू भाई की खुद्दारी देखिये उसने वो 400 रुपए लेने से भी इनकार कर दिए।
ऐसे लोग बहुत कम है इस दुनिया में, ईमानदार लोग विलुप्ति की कगार पर हैं राजू साकेत जैसे लोग हैं जो दुनिया में भरोसे जैसे शब्द का वजूद है। ईमानदार ऑटो वाले को RiwaRiyasat.com का सलाम