रीवा कलेक्ट्रेट में भू-अर्जन बाबू रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार, लोकायुक्त टीम ने की कार्रवाई

रीवा कलेक्ट्रेट की भू-अर्जन शाखा में पदस्थ एक बाबू को लोकायुक्त ने एक हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। आरोपी बाबू ने शिकायतकर्ता से जमीन का मुआवजा स्वीकृत करवाने के एवज में रिश्वत की मांग की थी।

Update: 2024-10-15 14:26 GMT

मध्य प्रदेश के रीवा में मंगलवार को लोकायुक्त की टीम ने कलेक्ट्रेट की भू अर्जन शाखा के सहायक ग्रेड-3 कर्मचारी, हीरामणि तिवारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इस कार्रवाई में लोकायुक्त एएसपी प्रवीण सिंह परिहार की टीम ने आरोपी बाबू को उस समय पकड़ा, जब वह मुआवजा स्वीकृति के बदले एक हजार रुपए रिश्वत ले रहा था।

घटना की शुरुआत तब हुई, जब शिकायतकर्ता सुनील पांडेय ने लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई। सुनील पांडेय का कहना था कि उनकी जमीन के मुआवजे की राशि 2,62,099 रुपए स्वीकृत करने के एवज में बाबू ने उनसे रिश्वत मांगी थी। पहले भी उन्होंने बाबू को 1500 रुपए दिए थे, लेकिन इसके बाद भी उनका काम नहीं हुआ। रिश्वत नहीं देने पर मामला 25 सितंबर 2024 से लंबित था। आखिरकार परेशान होकर उन्होंने लोकायुक्त से संपर्क किया, जहां उनके आरोपों की पुष्टि होने पर यह कार्रवाई की गई।

लोकायुक्त की कार्रवाई

लोकायुक्त टीम ने शिकायत के सत्यापन के बाद हीरामणि तिवारी को एक जाल बिछाकर फंसाया। मंगलवार को तय समय पर जब हीरामणि तिवारी ने शिकायतकर्ता से रिश्वत के एक हजार रुपए लिए, तो लोकायुक्त टीम ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई कलेक्ट्रेट स्थित भू अर्जन शाखा में हुई। इस घटना के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है और आरोपी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

शिकायतकर्ता सुनील पांडेय का कहना है कि उनका मुआवजा 2017 से लंबित था और उन्होंने कई बार आवेदन दिए, लेकिन बाबू ने रिश्वत की मांग की। जब उन्होंने और पैसे देने से मना किया, तो उनका काम टाल दिया गया। अंततः उन्होंने लोकायुक्त से मदद की गुहार लगाई, जिसके बाद यह कार्रवाई संभव हुई।

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