रीवा पुलिस ने चेकिंग में रोकी मऊगंज MLA की स्कॉर्पियो, अवैध लाइट पर कार्रवाई के बजाय फोन आने पर छोड़ा? DSP बोलीं- जांच जारी

मध्य प्रदेश के रीवा में मंगलवार देर रात ट्रैफिक पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान अवैध हैलोजन लाइट के कारण मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल की स्कॉर्पियो रोकी। गाड़ी में विधायक की पत्नी के होने और एक फोन कॉल के बाद वाहन को बिना कार्रवाई के जाने दिया गया।;

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Update: 2025-04-09 04:37 GMT
रीवा पुलिस ने चेकिंग में रोकी मऊगंज MLA की स्कॉर्पियो, अवैध लाइट पर कार्रवाई के बजाय फोन आने पर छोड़ा? DSP बोलीं- जांच जारी
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मध्य प्रदेश के रीवा शहर में मंगलवार (8 अप्रैल, 2025) देर रात यातायात पुलिस द्वारा शिल्पी प्लाजा के पास वाहन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था। यह अभियान पुलिस मुख्यालय (PHQ) के निर्देशों के तहत संचालित किया जा रहा था, जिसका उद्देश्य यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करना था। इसी दौरान ट्रैफिक पुलिस की टीम ने एक स्कॉर्पियो गाड़ी को रोका।

अवैध हैलोजन लाइट पर कार्रवाई से पुलिस का यू-टर्न

जानकारी के अनुसार, ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने स्कॉर्पियो गाड़ी में अवैध रूप से लगी तेज रोशनी वाली हैलोजन लाइट्स को देखकर उसे रोका था। नियमानुसार कार्रवाई करते हुए पुलिस ने कथित तौर पर वाहन की चाबी भी जब्त कर ली। बताया जा रहा है कि उस समय गाड़ी पर लगे विधायक-बोर्ड पर कवर लगा हुआ था। जब कवर हटाया गया और पुलिसकर्मियों को पता चला कि यह गाड़ी मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल की है और उसमें उनकी पत्नी सवार हैं, तो कथित तौर पर कार्रवाई की प्रक्रिया रुक गई।

फोन कॉल और बिना कार्रवाई छोड़े जाने का आरोप

प्रत्यक्षदर्शियों और सूत्रों के अनुसार, इसी दौरान वाहन चालक ने किसी व्यक्ति से फोन पर बात की। कुछ देर बाद, चालक ने कथित तौर पर पुलिसकर्मी को चाबी सौंपने का प्रयास किया, लेकिन पुलिसकर्मी ने लेने से इनकार कर दिया। लगभग 15 मिनट तक यह स्थिति बनी रही। आरोप है कि इसके बाद, बिना अवैध हैलोजन लाइट हटवाए या कोई चालान काटे, पुलिस ने स्कॉर्पियो गाड़ी को जाने दिया। इतना ही नहीं, यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि इस घटनाक्रम के बाद, चेकिंग के दौरान रोके गए कुछ अन्य वाहनों को भी बिना किसी कार्रवाई के छोड़ दिया गया।

यातायात DSP ने कहा- जांच जारी है

इस पूरे मामले पर जब यातायात डीएसपी सुश्री हिमाली पाठक ने पुष्टि की कि पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर वाहन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था। विधायक की गाड़ी रोके जाने और फिर छोड़े जाने के आरोपों पर उन्होंने कहा, "मामला संज्ञान में आया है। इसकी जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद ही इस पर कुछ कहा जा सकेगा।"

बहरहाल, यह घटना शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही है कि क्या यातायात नियम सभी के लिए समान हैं या प्रभावशाली लोगों के लिए अलग?

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