एमपी के अनूपपुर में चिकित्सक की लापरवाही से मासूम की गई जान, गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप
MP Anuppur News: परिजनों का आरोप है कि चिकित्सक द्वारा मासूम बालिका को बेहोशी का इंजेक्शन दिया गया था।
MP Anuppur News: एमपी के अनूपपुर जिले के एक निजी चिकित्सालय में पदस्थ चिकित्सक को तीन माह की मासूम की मौत का जिम्मेदार ठहराया गया है। इस संबंध में परिजनों ने आरोपी चिकित्सक के खिलाफ थाने में शिकायत भी की है। परिजनों का आरोप है कि चिकित्सक द्वारा मासूम बालिका को बेहोशी का इंजेक्शन दिया गया। जिससे उसकी असमय मौत हो गई। फिलहाल मासूम बालिका की मौत के लिए चिकित्सक जिम्मेदार है या नहीं इसका पता तो पीएम रिपोर्ट के बाद ही चल पाएगा।
क्या है मामला
बच्ची के पिता मुकेश सिंह मरावी ने बताया कि उनकी तीन माह की बेटी की तबियत दो दिन से ठीक नहीं थी। बच्ची को ईलाज के लिए शासकीय चिकित्सालय जैतहरी ले जाया गया। शासकीय चिकित्सालय में चिकित्सक न होने के कारण बीकेयर स्थित निजी नर्सिंग होम ले गए। चिकित्सकों ने बच्ची का ईलाज शुरू किया, सुधार भी हो रहा था। इसी बीच भूख से परेशान होकर बच्ची रोने लगी। लेकिन चिकित्सकों और नर्सों ने दूध पिलाने से मना कर दिया।
चुप कराने के लिए लगा दिया बेहोशी का इंजेक्शन
आरोप है कि भूख से परेशान बच्ची रोने लगी। बच्ची के रोने की आवाज सुन कर वहां मौजूद चिकित्सक और नर्स परेशान होने लगे। इसी बीच चिकित्सक डॉ. वीरेन्द्र खेस ने बच्ची को चुप कराने के लिए उसे बेहोशी का इंजेक्शन लगा दिया। इंजेक्शन लगने के बाद बच्ची सो गई, बेहोशी की अवस्था में ही बच्ची की मौत हो गई। चिकित्सक को जैसे ही बच्ची की मौत के बारे में पता चला, वेंटीलेटर का बहाना बनाते हुए बच्ची को जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया। जिला चिकित्सालय पहुंची बच्ची को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
आरोप निराधार
चिकित्सक डॉ. वीरेन्द्र खस ने कहा कि बच्ची की मौत के बाद मुझ पर लापरवाही का जो आरोप लगाया गया है वह निराधार है। बच्ची को निमोनिया था, अस्पताल में वेंटीलेटर की व्यवस्था नहीं थी। हमने परिजनों को पहले ही बता दिया था कि वेंटीलेटर नहीं है।
इनका कहना है
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राय ने कहा कि शिकायत मिलने पर जांच की जाएगी। कोतवाली थाना प्रभारी अमर राय ने कहा कि जांच की जा रही है, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।