रीवा में चिकित्सकों नहीं किया भर्ती, अस्पताल के बरामदे में ही 16 घंटे बिना इलाज के युवती ने तोड़ा दम
MP Rewa News: युवती की इलाज न मिल पाने के कारण मृत्यु हो गई, परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
MP Rewa News: जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से पटरी से उतरी हुई है। स्थिति यह है कि मरीज अस्पताल पहुंचते हैं। लेकिन चिकित्सक गंभीर मरीज को भर्ती कर उनका इलाज करने की भी जहमत नहीं उठाते जिससे उनकी मौत हो जाती है। एक ऐसा ही मामला संजय गांधी अस्पताल रीवा (Sanjay Gandhi Hospital) में देखने को मिला है। जिसमें परिजनों के साथ अस्पताल पहुंची बीमार युवती को चिकित्सकों ने भर्ती नहीं किया। परिणाम यह निकला कि अस्पताल पहुंचने के 16 घंटे बाद युवती की मौत हो गई। परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। फिलहाल मृतक युवती के शव का पीएम करने के बाद उसे परिजनों को सौंप दिया गया है। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।
क्या है मामला
बताया गया है कि गोविंदगढ़ थाना अंतर्गत बरिगवां निवासी रिया यादव पुत्री राजेश यादव 19 वर्ष की तबियत कुछ दिनों से ठीक नहीं थी। शुक्रवार की शाम परिजन युवती को लेकर संजय गांधी अस्पताल लेकर गए। लेकिन चिकित्सकों ने युवती को भर्ती नहीं किया। शनिवार को ओपीडी में दिखाने के बाद जब परिजन युवती को मेडिसिन वार्ड लेकर जा रहे थे। रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
अस्पताल के बरामदे में पड़ी रही युवती
युवती की बिगड़ती तबियत के बावजूद जब शुक्रवार को जब चिकित्सकों ने उसे भर्ती नहीं किया तो इलाज की आस लिए परिजन अस्पताल के बरामदे में ही युवती को लेकर पडे़ रहे। लेकिन किसी भी चिकित्सक ने न तो युवती को देखा और न ही उसका इलाज किया। तबियत को बिगड़ते देख डरे सहमे परिजन आकस्मिक चिकित्सा विभाग जाते और चिकित्सकों को युवती की बिगड़ती हालत के बारे में बताते। लेकिन चिकित्सकों की डांट फटकार के बाद परिजन वापस आ जाते।
परिजनों का आरोप
परिजनों ने बताया कि हम शुक्रवार को 4 से 5 बजे के बीच ही युवती को लेकर अस्पताल आ गए थे। लेकिन चिकित्सकों ने युवती का इलाज नहीं किया। जिसके कारण शनिवार की सुबह युवती की बिना इलाज के ही अस्पताल परिसर में ही मौत हो गई। चिकित्सकों की लापरवाही के कारण ही युवती की मौत हुई है। गौरतलब है कि एक ऐसा ही मामला जबलपुर में भी देखने को मिला था। जिसमें बिना इलाज के ही एक बालक की अस्पताल में मौत हो गई थी। बालक की मौत पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाया था।