एमपी के पन्ना में कंधे पर बेटी का शव लेकर भटकता रहा पिता, नहीं मिली एम्बुलेंस

MP Panna News: अस्पताल में आदिवासी बच्ची की मौत हो जाने के बाद पिता को एम्बुलेंस की समस्या से दो चार होना पड़ा।

Update: 2022-09-17 09:08 GMT

MP Panna News: जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से पटरी से उतर गई है। ऐसा ही एक और मामला पन्ना जिले में देखने को मिला है, जिसमें एम्बुलेंस न मिलने के कारण एक पिता अपनी बेटी के शव को कंधे में लेकर भटकता रहा। बताया गया है कि अस्पताल में आदिवासी बच्ची की मौत हो जाने के बाद पिता को एम्बुलेंस की समस्या से दो चार होना पड़ा। लचर व्यवस्था का शिकार हुआ पिता अपनी बेबसी पर आंसू बहाता हुआ नजर आया।

उल्टी-दस्त से हुई थी मौत

बताया गया है कि पन्ना जिले (Panna District) के पहाड़ी खेरा क्षेत्र के ग्राम लोहरवाई में 7 सितंबर को दूषित पानी पीने के कारण तकरीबन 60 लोग बीमार हो गए थे। गांव में रहने वाले मुनाई आदिवासी की चार वर्षीय बेटी भी प्रदूषित पानी पीने के कारण उल्टी-दस्त की शिकार हो गई। गांव में इलाज कराने के बाद मासूम सहित 12 लोगों को जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया। जहां उपचार के दौरान संजना की मौत हो गई। बेटी का शव गांव ले जाने के लिए पिता द्वारा शव वाहन की मांग अस्पताल प्रबंधन से की गई। प्रबंधन द्वारा शव वाहन तो दिया गया, लेकिन चालक ने घर तक शव पहुंचाने के लिए मृतकों के पिता से 11 सौ रूपए की मांग की। पिता द्वारा पैसे न होने की बात चालक से कही गई। लेकिन चालक ने पैसे न देने की स्थिति में अजयगढ़ चौराहे में शव के साथ पिता तो उतार दिया। बच्चे की मौत से आहत माता-पिता चालक से घर तक शव पहुंचाने की गुहार लगाते रहे, लेकिन चालक नहीं रूका और वह शव वाहन लेकर चला गया।

हस्तक्षेप के बाद मिला शव

शव वाहन चले जाने के बाद माता-पिता अपनी बेटी के शव के साथ मौके पर खड़े रहे। इसी दरमियान मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। कांग्रेस नेता शशिकांत दीक्षित ने सिविल सर्जन डॉ. एलके तिवारी से इस संबंध में बात की। तब कहीं जाकर शव वाहन की व्यवस्था हो पाई। अगर स्थानीय लोगों द्वारा हस्तक्षेप न किया जाता तो एक पिता अपनी मृत बेटी के शव के साथ कितना परेशान होता इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।

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