बद्रीनाथ धाम के खुले कपाट, सजावट ने मंत्रमुग्ध किया
रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड में चार धाम के कपाट खोले जा रहे हैं। गंगोत्री और यमुनोत्री के बाद सोमवार तड़के केदारनाथ धाम के कपाट भी खोल दिए गए और मंगलवार सुबह बदरीनाथ धाम में कपाट भी खुल गए। इससे पूर्व तेल कलश यात्रा के साथ ही शंकराचार्य की गद्दी और कुबेर व उद्धव की डोली बदरीनाथ धाम पहुंची।
रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड में चार धाम के कपाट खोले जा रहे हैं। गंगोत्री और यमुनोत्री के बाद सोमवार तड़के केदारनाथ धाम के कपाट भी खोल दिए गए और मंगलवार सुबह बदरीनाथ धाम में कपाट भी खुल गए। इससे पूर्व तेल कलश यात्रा के साथ ही शंकराचार्य की गद्दी और कुबेर व उद्धव की डोली बदरीनाथ धाम पहुंची।
मंगलवार को ब्रह्मामुहूर्त में धाम के कपाट खोल दिए गए। कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने चार धाम यात्रा फिलहाल स्थगित की हुई है लेकिन धामों के कपाट निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही खोले जा रहे हैं। पंरपरा के अनुसारए तृतीय केदार तुंगनाथ और चतुर्थ केदार रुद्रनाथ के कपाट भी खोल दिए गएए जबकि द्वितीय केदार मध्यमेश्वर के कपाट 24 मई को खोले जाएंगे।
इसी के तहत बाबा केदार की उत्सव डोली 15 मई को अपने शीतकालीन गद्दीस्थल रुद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर से केदारनाथ धाम पहुंच गई थी। पिछले वर्ष की भांति इस बार डोली पैदल यात्रा की बजाए वाहन से गौरीकुंड पहुंची। यहां से पैदल केदारनाथ धाम रवाना हुई।
सोमवार तड़के चार बजे धाम के कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरू की गई। मुख्य पुजारी बागेश लिंग ने उत्सव डोली का श्रृंगार किया और पूजा.अर्चना की। इसके बाद मुख्य पुजारी आवास से डोली मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची। मंत्रोच्चारण के बीच ठीक पांच बजे कपाट खोल दिए गए।
आपको बता दें कि ऐसा दूसरी बार हो रहा है जब बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के समय सीमित संख्या में लोग मौजूद रहे। पुजारी रावल के अलावा धर्माधिकारी, अपर धर्माधिकारी के अलावा देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी मौजूद रहे। इस बीच ब्रम्हमुहूर्त में विधि-विधान से वेद मंत्रोच्चार के साथ सबसे पहले बद्रीनाथ के सिंहद्वार को खोला गया। बद्रीनाथ धाम को फूलों से सुंदर सजाया गया था जो मंत्रमुग्ध करने वाली रही।