कोचिंग सेंटर्स के लिए केंद्र की नई गाइडलाइन: अब नहीं कर सकते 100% सिलेक्शन और नौकरी का दावा, टॉपर्स की अनुमति के बिना विज्ञापन पर भी रोक

केंद्र सरकार ने कोचिंग सेंटर्स के लिए नई गाइडलाइन जारी की है, जिसके तहत वे 100% सिलेक्शन और 100% नौकरी देने का दावा नहीं कर सकते। यह फैसला भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए किया गया है।

Update: 2024-11-13 16:55 GMT

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) के निर्देश: कोचिंग सेंटर्स अब ऐसे झूठे दावे नहीं कर सकते जो उपभोक्ताओं को गुमराह कर सकते हैं। सरकार ने यह फैसला कई शिकायतों के बाद किया है। अब तक कोचिंग संस्थानों को 54 नोटिस जारी किए गए और 18 कोचिंग इंस्टीट्यूट्स पर करीब 54.60 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है।

गाइडलाइन का दायरा

ये गाइडलाइन एकेडमिक सपोर्ट, एजुकेशन, गाइडेंस और ट्यूशन सर्विस से जुड़े सभी संस्थान, कोचिंग सेंटर्स और ऑर्गनाइजेशन पर मान्य होगी। अगर कोचिंग सेंटर्स इसका पालन नहीं करते हैं तो उन पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

कोचिंग सेंटर्स के लिए गाइडलाइन की बड़ी बातें

  • कोचिंग सेंटर्स अपने कोर्सेज, उनकी अवधि, फैकल्टी, फी स्ट्रक्चर, सिलेक्शन रेट, एग्जामिनेशन रैंकिंग और रिफंड पॉलिसी को लेकर झूठे वादे नहीं कर सकते।
  • कोई भी कोचिंग सेंटर जॉब सिक्योरिटी और सैलरी बढ़ने की गारंटी नहीं दे सकता।
  • कोचिंग सेंटर्स बिना लिखित कंसेंट के टॉपर्स का नाम, फोटो और टेस्टिमोनियल इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे।
  • अगर कोई कोचिंग सेंटर किसी टॉपर का नाम अपने प्रमोशन के लिए इस्तेमाल करना चाहता है तो उसे कैंडिडेट के सिलेक्शन के बाद उसकी लिखित परमिशन लेनी होगी।
  • कोचिंग सेंटर्स को अपने कोर्सेज से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी स्टूडेंट्स को बतानी होगी।
  • कोचिंग सेंटर्स को बताना होगा कि टॉपर्स उनके यहां किस कोर्स में इनरोल्ड थे। यानी उन्होंने किस कोर्स के लिए एडमिशन लिया था।
  • टॉपर्स को लेकर कोचिंग सेंटर्स को स्पष्ट डिस्क्लेमर छापने होंगे। उन्हें बताना होगा कि जिस टॉपर को वो कोचिंग के प्रमोशन के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, वो उनके किस कोर्स से और कितने समय के लिए जुड़ा था।
  • ये गाइडलाइंस काउंसलिंग, स्पोर्ट्स और क्रिएटिव एक्टिविटीज के लिए नहीं हैं।
  • कोचिंग सेंटर्स को अपनी सर्विस, फैसिलिटी, रिसोर्सेज और इंफ्रास्ट्रक्चर की जानकारी देनी होगी।
  • कोचिंग सेंटर्स को बताना होगा कि उनका कोर्स AICTE, UGC जैसी किसी अथॉरिटी से मान्यता प्राप्त है या नहीं।

कोचिंग सेंटर्स के लिए नई गाइडलाइंस

  • ट्यूटर्स ग्रेजुएट से कम योग्यता वाले नहीं होंगे।
  • अच्छे नंबर और रैंक की गारंटी नहीं दे सकते।
  • 16 साल से कम उम्र के स्टूडेंट्स का इनरोलमेंट नहीं कर सकते।
  • इनरोलमेंट सेकेंड्री स्कूल एग्जाम के बाद ही किया जाएगा।
  • हर कोर्स की ट्यूशन फीस फिक्स होगी, बीच में फीस नहीं बढ़ाई जाएगी, रसीद देनी होगी।
  • तय समय पहले कोर्स छोड़ने पर 10 दिन में बची फीस वापस करनी होगी।
  • स्टूडेंट हॉस्टल में नहीं रह रहा हो तो हॉस्टल फीस और मेस फीस भी लौटानी होगी।
  • मौरल क्राइम के दोषी फैकल्टी में नहीं हों।
  • काउंसलिंग सिस्टम बगैर कोचिंग का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा।
  • वेबसाइट पर फैकल्टी की योग्यता, कोर्स पूरा होने की अवधि बतानी होगी।
  • हॉस्टल सुविधा, फीस की पूरी जानकारी देनी होगी।
  • बच्चों के मेंटल स्ट्रेस पर ध्यान रखना होगा, अच्छे परफॉर्मेंस का प्रेशर नहीं बनाया जाएगा।
  • छात्र मुश्किल या तनाव में हों तो मदद के लिए सिस्टम बनाना होगा।
  • कोचिंग सेंटर में साइकोलॉजिकल काउंसलिंग का चैनल हो।
  • साइकोलॉजिस्ट, काउंसलर के नाम और वकिंग टाइम की जानकारी पेरेंट्स को देनी होगी।
  • ट्यूटर भी स्टूडेंट्स को गाइडेंस देने के लिए मेंटल हेल्थ के टॉपिक्स में ट्रेनिंग ले सकते हैं।
  • गाइडलाइंस फॉलो न करने पर कोचिंग सेंटर्स पर 1 लाख तक का जुर्माना लगाया आएगा।
  • ज्यादा फीस वसूलने पर रजिस्ट्रेशन रद्द होगा।

केंद्र सरकार का सख्त रुख

कंज्यूमर अफेयर्स सेक्रेटरी निधि खरे ने कहा, ‘हमने देखा कोचिंग सेंटर्स जानबूझकर स्टूडेंट्स को लुभाने के लिए सच्चाई छिपाते हैं। सरकार कोचिंग सेंटर्स के खिलाफ नहीं है, लेकिन किसी भी एडवर्टाइजमेंट की क्वालिटी कंज्यूमर राइट्स के खिलाफ नहीं हो सकती।'

नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन (NCH) की पहल

NCH ने स्टूडेंट्स और पेरेंट्स से कई शिकायतें मिली थीं। इनमें से ज्यादातर शिकायतें एनरोलमेंट फीस रिफंड न होने की थी। इसके बाद NCH ने पीड़ित स्टूडेंट्स को करीब 1.15 करोड़ रुपए रिफंड की पहल शुरू की।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की गाइडलाइन

इस साल जनवरी में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने भी गाइडलाइन जारी की थी। इसके तहत कोचिंग इंस्टीट्यूट्स 16 साल से कम उम्र के बच्‍चों को एडमिशन नहीं दे सकेंगे। इसके अलावा भ्रामक वादे करना और अच्‍छे नंबरों की गारंटी देने पर भी पाबंदी लगा दी थी।

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