कैलाश गहलोत भाजपा में शामिल: इस्तीफे के बाद भाजपा में क्यों आए, क्या था असल कारण?
आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देने के बाद कैलाश गहलोत भाजपा में शामिल हो गए। उन्होंने अपने फैसले का कारण क्या बताया और क्यों उन्होंने आम आदमी पार्टी को छोड़ा? जानिए पूरी खबर और अंदर की बातें।
आम आदमी पार्टी (AAP) और दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत ने सोमवार को पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। रविवार को इस्तीफा देने के 24 घंटे बाद, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने उन्हें पार्टी में शामिल किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी मौजूद थे। गहलोत ने पार्टी बदलने के अपने फैसले पर कई स्पष्ट बातें कहीं।
दबाव में नहीं, विचारधारा के लिए लिया निर्णय
भाजपा में शामिल होने के बाद कैलाश गहलोत ने कहा कि लोग सोचते हैं कि उन्होंने यह फैसला दबाव में लिया, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि यह निर्णय उनके आत्मचिंतन का परिणाम है। उन्होंने कहा, "सुनने में आ रहा है कि मैंने ED और CBI के दबाव में फैसला लिया, पर ऐसा कुछ नहीं है। मैंने कभी दबाव में कोई काम नहीं किया।"
AAP की शुरुआत में साथ जुड़े थे गहलोत
गहलोत ने आम आदमी पार्टी से अपने पुराने जुड़ाव की बात की। उन्होंने कहा कि वे अन्ना आंदोलन के समय से पार्टी में जुड़े थे और आम आदमी की सेवा के उद्देश्य से राजनीति में आए थे। गहलोत का मानना है कि पार्टी के मूल सिद्धांत अब भटक गए हैं। "जब अपने मूल्यों के साथ समझौता होते देखा तो दुख हुआ," उन्होंने कहा। उनकी पीड़ा थी कि जिन उद्देश्यों के लिए पार्टी बनी थी, वे अब दरकिनार किए जा रहे हैं।
गहलोत का केजरीवाल को पत्र: पार्टी के प्रति नाराजगी के 4 प्रमुख कारण
गहलोत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक पत्र भी लिखा जिसमें उन्होंने पार्टी छोड़ने के अपने चार प्रमुख कारण बताए:
AAP की गंभीर चुनौतियां: गहलोत ने लिखा कि पार्टी मूल्यों से दूर जा रही है, और कई महत्वपूर्ण वादे अधूरे रह गए हैं।
बुनियादी सेवाओं की कमी: यमुना की सफाई और बुनियादी सेवाओं की प्रदान में विफलता के मुद्दे भी उन्होंने उठाए।
‘आम आदमी’ की पहचान पर सवाल: उन्होंने केजरीवाल के नए बंगले जैसे विवादों का हवाला देते हुए पार्टी की पहचान पर प्रश्न उठाया।
AAP से अलग होने का विकल्प: गहलोत ने कहा कि उन्हें दिल्लीवासियों की सेवा करनी है, जो वे अब AAP में रहकर नहीं कर सकते।
केजरीवाल और अन्य AAP नेताओं की प्रतिक्रिया
अरविंद केजरीवाल ने गहलोत के फैसले पर कहा कि वे स्वतंत्र हैं और अपनी मर्जी से कहीं भी जा सकते हैं। वहीं, AAP नेता संजय सिंह ने इसे "मोदी वॉशिंग मशीन" के सक्रिय होने का संकेत बताया, जिसमें नेताओं को भाजपा में शामिल किया जा रहा है।