Dual Degree Course: यूटीडी व महाविद्यालय के छात्र एक साथ ले सकेंगे दो डिग्रियां
MP News: देश भर में ड्यूल डिग्री पाठ्यक्रम लागू होने वाला है। एमपी के इंदौर स्थित देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इसके लागू करने जा रहा है। उच्च शिक्षा विभाग से मंजूरी मिलने के बाद ड्यूल डिग्री प्रोग्राम को लेकर नियम और गाइड लाइन बनाई गई है।
Dual Degree Course: देश भर में ड्यूल डिग्री पाठ्यक्रम लागू होने वाला है। एमपी के इंदौर स्थित देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इसके लागू करने जा रहा है। उच्च शिक्षा विभाग से मंजूरी मिलने के बाद ड्यूल डिग्री प्रोग्राम को लेकर नियम और गाइड लाइन बनाई गई है। विश्वविद्यालय प्रशासन को इसे लागू करने से पहले कार्य परिषद से हरी झंडी मिलना है। विश्वविद्यालय ने 7 जुलाई को बैठक बुलाई है। बैठक में मंजूरी मिलते ही विश्वविद्यालय प्रशासन इस सत्र से यह व्यवस्था लागू कर देगा।
बन चुके हैं नियम व गाइड लाइन
इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के अध्ययनशाला और कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं एक साथ दो डिग्रियां हासिल कर सकेंगे। यूजी-पीजी करने वाले विद्यार्थी डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स में दाखिला ले सकेंगे। इसके लिए विश्वविद्यालय ने छात्रों को परीक्षा और कक्षाओं का समय विशेष तौर से ध्यान रखने की सलाह भी दी है। यहां पर यह बता दें कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने ड्यूल डिग्री प्रोग्राम को साल भर पहले बनाया। जिसे लागू करने के लिए देश भर के शैक्षणिक संस्थानों पर जोर दिया गया। उच्च शिक्षा विभाग ने भी कुछ महीने पहले ही इस प्रोग्राम पर सहमति दी। अब विश्वविद्यालय ड्यूल डिग्री प्रोग्राम को अध्यादेश में जोड़ने जा रहा है। इसके लिए जून में नियम व गाइड लाइन भी बन चुके हैं। जिसके आधार पर नियमित पाठ्यक्रम में एडमिशन लेने वाले छात्र दूसरा कोर्स प्राइवेट व दूरस्थ शिक्षा अथवा ऑनलाइन कोर्स से कर सकते हैं।
ड्यूल डिग्री के लिए यह रखना होगा ध्यान
ड्यूल डिग्री लेने वाले छात्रों को इस बात का ध्यान रखा होगा कि कक्षाओं का शेड्यूल व समय अलग-अलग हो। इसके साथ ही दोनों पाठ्यक्रम की परीक्षा भी एक साथ नहीं होनी चाहिए। विश्वविद्यालय के अध्ययन शाला में पढ़ने वाले छात्र अन्य विभाग अथवा विश्वविद्यालय से संचालित होने वाले पाठ्यक्रम में एडमिशन ले सकते हैं। यूजी पाठ्यक्रम करने वाले छात्र-छात्राएं सर्टिफिकेट, एक व दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स की पढ़ाई कर सकेंगे। इस संबंध में वरिष्ठ प्राध्यापक और विभागाध्यक्ष डॉ. विजय बाबू गुप्ता के मुताबिक गाइड लाइन और नियम को अध्यादेश में जोड़ना है। जिसके लिए प्रस्ताव को लागू करने कार्य परिषद की बैठक में इसे रखा जाएगा।
विद्यार्थियों को होगा फायदा
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत छात्र ड्यूल डिग्री कर सकते हैं। जिसका फायदा सीधे तौर पर छात्रों को मिलेगा। प्राइवेट-दूरस्थ शिक्षा अथवा ऑनलाइन पाठ्यक्रम की परीक्षा के अंक विद्यार्थियों की मूल पाठ्यक्रम की अंकसूची में जुड़ेंगे। इसके साथ ही क्रेडिट का लाभ मिलेगा। इसके माध्यम से विद्यार्थी अपनी शिक्षा में वैल्यू एडमिशन कर सकेंगे। विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में 30 से अधिक डिप्लोमा-सर्टिफिकेट कोर्स संचालित होते हैं जो चार सप्ताह से लेकर दो वर्षीय पाठ्यक्रम शामिल हैं। जिनमें से अधिकांश सीटें खाली रह जाती हैं। ड्यूल डिग्री प्रोग्राम लागू होने से इन पाठ्यक्रमों की सीटें भरने की उम्मीद बढ़ गई हैं। साइबर सिक्योरिटी, न्यूट्रिशियन, लैंड स्कैपिंग, फैशन डिजाइनिंग, स्क्रीप्ट राइटिंग, फोटोग्राफी सहित कई पाठ्यक्रम हैं। मैनेजमेंट से जुड़े विभिन्न विधाओं में डिप्लोमा कोर्स रखे गए हैं।