रीवा : स्वच्छ भारत अभियान में फिरा पानी, सुबह-शाम लोटा लेकर निकल रहे लोग
रीवा : स्वच्छ भारत अभियान में फिरा पानी, सुबह-शाम लोटा लेकर निकल रहे लोग रीवा / Rewa hindi News : भारत के प्रधानमंत्री ने गांव, नगर व शहर को खुले
रीवा : स्वच्छ भारत अभियान में फिरा पानी, सुबह-शाम लोटा लेकर निकल रहे लोग
रीवा / Rewa hindi News : भारत के प्रधानमंत्री ने गांव, नगर व शहर को खुले शौंच मुक्त करने स्वच्छ भारत मिशन का आगाज तो किया लेकिन उस मिशन में कमीखोरी व भ्रष्टाचार के चलते ग्रहण लग गया है। जिले के नगर व गांवों में सुब और शाम महिलाएं, बच्चों वु पुरुषों को लोटा लेकर खुले में शौंच करते देखा जा सकता है। सबसे शर्मनाक बात तो यह है कि रोड मे बैठकर लोग शौच क्रिया करते हैं। यदि ओडीएफ का पुरस्कार लेने वाले प्रशासन को यकीन न हो तो पूर्व रीवा कलेक्टर की तर्ज पर कुछ ग्राम पंचायत तक भ्रमण कर लें तो ओडीएफ की हकीकत व तस्वीर सामने आ जाएगी। सड़कों की दोनों पटरियां मानव मल मूत्र से पटी दिखेंगी। सड़कों से निकलना मुश्किल हो जाएगा। यह हाल जिले हर जनपद क्षेत्र का है।
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सरकारी शौचालयों का रता पता नहीं
वर्ष 2014 मे शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत हर घर मे शौचालयों का निर्माण शुरू किया गया था। करोड़ों अरबों रुपये खर्च करके शौचालय निर्माण कराए भी गए । मजे की बात तो यह कि सरपंच, सचिव तथा निर्माण एजेंसियां शौचालय मे भी कमीशन खाने से नही चूकीं। शौचालय निर्माण मे भी जमकर भ्रष्टाचार किया गया, यदि किसी स्वतंत्र निष्पक्ष जांच एजेंसी से जांच कराई जाय तो 80 प्रतिशत शौचालय गायब मिलेंगे। जिनकी राशि भी सरपंच व सचिव हजम कर चुके है व घटिया तरीके से निर्मित कराए गए शौचालय जो खंडहर में तब्दील हो गए हैं, यदि सही जांच हो तो देश के अंदर चल रहे अन्य घोटालों की तरह गांव मे शौचालय घोटाला भी सामने आ जाएगा।
स्वच्छता प्रेरक का प्रयोग रहा असफल, गांवो मे कभी नही दिखे प्रेरक
लोगों को स्वच्छता के लिए प्रेरित करने के लिए गांव-गांव में स्वच्छता प्रेरकों की नियुक्ति की गई थी, लेकिन स्वच्छता प्रेरकों ने लोगों को कितना प्रेरित किया उसका परिणाम शत प्रतिशत सामने है। बता दें कि यदि प्रेरकों ने अपना काम सही तरीके से किया होता तो खुले मे शौच का यह घिनौना रूप देखने को नही मिलता, कम से कम सड़कों की इतनी बुरी हालत न होती, लेकिन सरकार की योजना व उसके जिम्मेदार सब दिखावे बनकर मात्र रह गए।