एमपी में 24 घंटे में दो बार भूकंप के झटके से लोगों में दहशत, रिक्टर स्केल पर 2.9 मापी गई तीव्रता
MP News: मध्यप्रदेश के सिवनी में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। ऐसे में लोग दहशत में आ गए और वह अपने घरों से बाहर निकल आए। सोमवार की सुबह तकरीबन 7 बजकर 27 मिनट में लोगों को झटके लगे।
मध्यप्रदेश के सिवनी में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। ऐसे में लोग दहशत में आ गए और वह अपने घरों से बाहर निकल आए। सोमवार की सुबह तकरीबन 7 बजकर 27 मिनट में लोगों को झटके लगे। जिसके बाद वह परेशान हो गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.9 मापी गई। हालांकि इस झटके से किसी के हताहत होने या अन्य किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है। जबकि इसके पूर्व रविवार की रात को भी लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए थे।
दहशत में रहे लोग
सिवनी में बीते 24 घंटे के दौरान दो बार भूकंप के झटके लोगों ने महसूस किए। इनकी तीव्रता कम होने से किसी प्रकार के जान माल का नुकसान नहीं हुआ है। सोमवार की सुबह 7 बजकर 27 मिनट में 2.9 रेक्टर के साथ भूकंप का झटका लोगों ने महसूस किया। जबकि इसके पूर्व रविवार की रात को भी लगभग 9.20 बजे घरघराहट के साथ भूकंप का झटका लोगों ने महसूस किया था। रविवार की रात को आए भूकंप की तीव्रता 2.8 दर्ज की गई। बार-बार भूकंप के झटके लगने से लोग दहशत के साये में रहे।
भूकंप के बार-बार आने का लगाया जा रहा पता
एमपी के सिवनी में बार-बार भूकंप आने के कारणों का पता लगाने की बात शासन, प्रशासन द्वारा कही जा रही है। यहां आए दिन भूकंप के झटके लोगों द्वारा महसूस किए जाते हैं। गत 29 व 30 सितम्बर को भी भूकंप के हल्के झटके लगे थे। 29 सितम्बर को महूस किए गए भूकंप की तीव्रता 2.9 और 30 सितम्बर को भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 1.8 दर्ज की गई थी। जिला प्रशासन भारतीय मौसम विज्ञान के वरिष्ठ वैज्ञानिकों के सतत संपर्क में हैं। जिला प्रशासन की ओर से पुलिस, होमगार्ड्स, एसडीआरएफ, स्वास्थ्य व स्थानीय प्रशासन अधिकारी कर्मचारियों को समस्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित करते हुए अलर्ट रहने के लिए निर्देशित किया गया है।
इनका कहना है
इस संबंध में बहु अभिलेख अधीक्षक शानिपाल परतेती का कहना है कि आज सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 2.9 रेक्टर थी। इसके पूर्व रविवार की रात को भी झटके महसूस किए गए थे। सिवनी में बार-बार भूकंप के झटके किस कारण से आ रहे हैं इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। मौसम विज्ञान के विशेषज्ञ इसका पता लगाने में जुटे हुए हैं।