MP POLICE की शब्दकोश से हटाए जाएंगे मुगलकालीन उर्दू-फारसी शब्द, शिवराज सरकार का निर्णय

मध्य प्रदेश पुलिस (Madhya Pradesh Police) के शब्दकोश से हटने वाले हैं मुगलकालीन उर्दू-फारसी शब्द।

Update: 2021-12-05 06:05 GMT

MP Police News: मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) सरकार (Government) ने एक बार फिर बड़ा कदम उठाने जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह (CM Shivraj Singh) से सलाह मशविरा के बाद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam Mishra) मध्यप्रेश की पुलिस (MP Police) की डिक्शनरी से उर्दू और फारसी शब्द हटाने के आदेश दिये हैं। गृहमंत्री ने कहा कि ऐसे शब्द जो प्रचलन में नहीं हैं उन्हें बदलने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

आपको बता दें कि ब्रिटिश काल से ही पुलिस के द्वारा उर्दू और फारसी शब्द का प्रयोग किया जा रहा है। सरकार के इस आदेश के बाद उर्दू और फारसी के 350 शब्द पुलिस की डिक्शनरी से गायब हो जाएंगे। इनकी जगह सरल हिन्दी का प्रयोग किया जाएगा। मध्यप्रदेश से पहले दिल्ली, राजस्थान, उत्तरप्रदेश में भी ऐसे कई शब्दों को बदला जा चुका है। 1861 में जब पुलिस एक्ट (1861 Police Act) बना था तब अंग्रेजों ने अधिकाधिक भाषा हिन्दी, उर्दू, फारसी के मिश्रण वाले शब्दों को शामिल किया था।

एक जानकारी अनुसार विगत सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह कलेक्टर्स और एसपी कांफ्रेंस में मौजूद थे। जहां एक पुलिस अधीक्षक द्वारा गुमशुदा शब्द के लिये दस्तयाब शब्द का प्रयोग किया। जिसे मुख्यमंत्री मुगलकालीन शब्द बताते हुए सरल शब्दों के प्रयोग की सलाह दी। मुख्यमंत्री ने पुलिस को रिपोर्ट दर्ज करने, जांच रिपोर्ट तैयार करने सहित अन्य कार्यवाही दौरान सरल हिन्दी के प्रयोग की बात कही।

ब्रिटिशकालीन कुछ शब्द

पुलिस द्वारा ब्रिटिशकालीन उर्दू और फारसी के जिन शब्दों का प्रयोग अक्सर प्रयोग किया जाता है उनमें अदम पता- जिसका पता न लगाया जा सका, तरमीम-संशोधन, इश्तगासा-याचिका, पतारसी-अपराध अनुसंधान से पहले की प्रक्रिया, माल मसरुटा-डकैती में लूटा माल, आला कत्ल-कत्ल में प्रयुक्त हथियार, मुद्दई-शिकायतकर्ता जैसे कई शब्द शामिल हैं। ऐसे लगभग 350 उर्दू-फारसी शब्द हैं जिन्हें सरकार पुलिस डिक्शनरी से हटाने का निर्णय लिया है।

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