जिंदगी दांव पर लगा कर प्यास बूझा रही गांव की बेटिया, MP के Betul जिले में जल संकट

Betul Jal Sankat/ बैतूल जल संकट : बढ़ती गर्मी के साथ ही पेयजल संकट भी गहरे लगा है। इस तरह की एक समस्या एमपी के बैतूल जिला अंतर्गत बोरखेड़ी गांव से सामने आ रही हैं।

Update: 2021-06-04 23:34 GMT

Betul Jal Sankat/ बैतूल जल संकट : बढ़ती गर्मी के साथ ही पेयजल संकट भी गहरे लगा है। इस तरह की एक समस्या एमपी के बैतूल जिला अंतर्गत बोरखेड़ी गांव से सामने आ रही हैं।

जहा जिंदगी दांव पर लगा कर गांव की बेटियां गहरे कुए से पानी निकालती हैं। जिससे गांव के लोगो को पानी मिल पाता है।

टेढ- मेढे पत्थरों पर खड़े होकर खीचती है पानी

बताया जा रहा है कि गांव से लगे हुये एक पुराने कुएं में ग्रामीणो ने गड्रढ़े खोद रखे है। जंहा ग्रामीणो महिलाओं के साथ बालिकाएं पानी लेने पहुचती है। कुएं में पानी कम होने के कारण बाल्टी से पानी खींच पाना मुश्किल हो जाता है।

जिसके चलते वे टेढ- मेढे पत्थरों पर पैर रखकर पांच बालिकाएं कुएं में उतरती हैं। पानी के पास पहुचने वाली बालिका डिब्बो में पानी भरकर उपर खड़ी बालिका तक पहुचाती है। रस्सी की बजाय 5 बालिकाएं कुएं के उपर तक पानी पहुचाती है।

6 सैकड़ा की आबादी का है गांव

बैतूल जिले का बोरखेड़ी गांव तहसील मुख्यालय से 30 किलोमीटर की दूरी पर है। जंहा लगभग 6 सैकड़ा ग्रामीण निवास करते है। गांव के लोगो को कंठ तर करने के लिये कठिन परिश्रम करना पड़ता है।

बताया जा रहा है कि गांव की आबादी के बीच जो हैंडपम्प है। वह वाटर लेवल खिसकने के कारण हवा उगल रहा है। जिसके चलते गांव की बालिकाएं 20 फिट नीचे कुएं में उतर कर पानी निकालने को मजबूर हो रही है।

प्रशासन के दांवे कंम जोर

पेयजल संकट दूर करने के लिए प्रशासन तमाम दावे कर रहा है लेकिन बोरखेड़ी जैसे गांव हकीकत को कुछ इस तरह से बया कर रहे है। गांव के लोगो के लिये उक्त कुआ ही पानी का एक मात्र सहारा है।

ग्रामीणो द्वारा जनप्रतिनिधियो के माध्यम से स्थानिय प्रशासन का ध्यान भी आकृष्ट कराया, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।

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