एमपी में कर्मचारियों को बड़ी सौगात: वेतन विसंगतियां जल्द खत्म, 5 लाख को 60 हजार तक का फायदा मिलेगा

एमपी के 7.5 लाख कर्मचारियों में से 5 लाख को वेतन विसंगतियों से बड़ी राहत मिलने वाली है। सिंघल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, 2 हजार संवर्गों में पिछले 36 साल से चली आ रही वेतन विसंगतियों को दूर किया जाएगा।

Update: 2024-07-12 06:37 GMT

एमपी के 7.5 लाख कर्मचारियों में से 5 लाख के लिए बड़ी खुशखबरी है। वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए गठित सिंघल आयोग ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट के अनुसार, 2 हजार संवर्गों में से एक हजार में वेतनमान में एकरूपता लाने से कर्मचारियों को 12 हजार से 60 हजार रुपए तक का सालाना लाभ होगा। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा है कि रिपोर्ट का परीक्षण कर जल्द ही इसे लागू किया जाएगा।

वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि सिंघल आयोग की रिपोर्ट मिल गई है, जिसका परीक्षण कर जल्द ही लागू किया जाएगा। वेतन विसंगतियों को दूर किया जाएगा, जिससे प्रदेश भर के 5 लाख से अधिक कर्मचारियों को फायदा होगा। वेतनमान में एकरूपता लाने के बाद कर्मचारियों की सैलरी 12 हजार से 60 हजार रुपए तक सालाना बढ़कर मिलेगी। 

एजुकेशन और चयन प्रक्रिया एक जैसी, लेकिन वेतन में भिन्नता

दो संवर्ग ऐसे भी हैं, जिनकी शैक्षणिक तकनीकी योग्यता तो समान है। लेकिन वेतनमान अलग-अलग हैं। चयन एक ही परीक्षा से होता है और कार्य भी समान हैं। इनमें सहायक ग्रेड-3 और डाटा एंट्री ऑपरेटर शामिल हैं। सहायक ग्रेड 3 की ग्रेड-पे 1900 रुपए है, जबकि डाटा एंट्री आपरेटर की 2400 रुपए। पटवारी की ग्रेड-पे 2100 रुपए है।

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