पिता बनना है तो नकारें कुछ अपनी ये बुरी आदतें, अन्यथा कभी नहीं बन पायेंगे पिता...
जिस तरह रहन-सहन का असर व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है। उसी तरह हमारे पहनावे का असर हमारे शरीर पर पड़ता है। यह कोई बनावटी बात नही है।
पिता बनना है तो नकारें कुछ अपनी ये बुरी आदतें, अन्यथा कभी नहीं बन पायेंगे पिता…
पिता बनना है तो नकारें कुछ अपनी ये बुरी आदतें यह बातें हम नहीं बल्कि वैज्ञानिकों द्वारा कहा जा रहा हैं। जिस तरह रहन-सहन का असर व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है। उसी तरह हमारे पहनावे का असर हमारे शरीर पर पड़ता है। यह कोई बनावटी बात नही है। इसे बात को साबित किया है अमेरिकी शोधकर्ताआंे ने। इनके द्वारा करीब 650 पुरूषों के अध्ययन के बाद यह दावा किया गया हैं। शोधकर्ताओं ने इसे साबित करने के लिए कई स्तर पर जांच किया गया।
जिसके बाद यह साफ हो गया कि अधिक चुस्त अधोवस्त्र अगर पुरूषों द्वारा पहने जाते है तो उनमें नपंुसकता के साथ ही शुक्रणुओं की कमी समस्या होती है। अमेरिकी शोधकर्ताआंे ने अपने अध्यन के सम्बंध जानकारी देते हुए बताया कि पुरुषों के खानपान, उनकी उम्र, शारीरिक स्थिति, सिगरेट-शराब जैसे नशे का सेवन, दिनचर्या में नींद की गुणवत्ता का की विशेष जानकारी ली गई। इसके अलावा पहनावे-ओढ़ावे का विश्लेषण भी किया गया। जिसमें अधोवस्त्रों को भी शामिल कर लेागों से पुछताछ की गई।
हार्वर्ड टीएच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ता प्रोफेसर एलन पेसी का कहना है कि चूस्त अधोवस्त्र पहनने से पुरूषों के वीर्य में शुक्राणुओ की संख्या कम हो जाती है। ऐसे में संतान उत्पन्न करने में पुरूषों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। वही ढीले-ढाले अधोवस्त्र पहनने वाले पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या 17 फीसदी तक ज्यादा होती है साथ इनमें अंडाणुआंे तक पहुंचने की क्षमता भी ज्यादा होती है।
वहीं अन्य शोधकर्ता डॉक्टर जॉर्ज शेवेरो ने कहा कि चुस्त अधोवस्त्र पहनने वाले पुरुषों को ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। उनका कहना है कि अगर इस आदत को पुरुष तीन महीने तक छाडकर ढीले कपडे पहने तो सुधार हो सकता है। यह भी जांच के बाद ही सामने आया है कि तीन माह में शुक्राणुओं की संख्या बढ जाती हैं।