शादी के 13 साल बाद तलाक लेने पहुंचे पति-पत्नी, बेटी को साथ रखने को तैयार नहीं दोनों, जानिए कोर्ट ने क्या कहा...

शादी के 13 साल बाद पति पत्नी ने अलग होने का फैंसला किया है. इसके लिए दोनों ने एक सह होकर कोर्ट में तलाक की अर्जी भी दी. लेकिन दोनों ने अपनी

Update: 2021-02-16 06:45 GMT

शादी के 13 साल बाद पति पत्नी ने अलग होने का फैंसला किया है. इसके लिए दोनों ने एक सह होकर कोर्ट में तलाक की अर्जी दी. लेकिन दोनों ने अपनी 11 वर्षीय बेटी को अपने पास रखने से इंकार कर दिया. इस पर नाराज होकर कोर्ट ने दम्पति को फटकार लगाते हुए कहा है कि तलाक के पहले पति पत्नी ये फैंसला करें कि बेटी किसके पास रहेगी.

मामला ग्वालियर जिले के गोल पहाड़िया इलाके का है. जहां राजेश (परिवर्तित नाम) की शादी वर्ष 2007 में रचना (परिवर्तित नाम) के साथ हुई थी. दोनों की 11 वर्ष की बेटी है. अब दोनों ने आपसी रजाबंदी से अलग होने का फैंसला किया है. दोनों दूसरी शादी करना चाहते हैं. इसके लिए दम्पति ने कोर्ट में तलाक की अर्जी लगाईं.

13 साल बाद पति पत्नी ने तलाक के लिए लगाई अर्जी

बताया जा रहा है कि दोनों 2017 में अलग अलग रहने लगे थें. रचना से अलग होने के साथ ही राजेश ने कुटुंब न्यायालय में तलाक की अर्जी दाखिल की थी, लेकिन तब रचना इसके लिए राजी नहीं थी. राजेश ने रचना को आम सहमति से अलग होने के लिए राजी कर लिया. इसके लिए रचना को राजेश ने साढ़े तीन लाख रूपए भी दे दिए. इसके बाद दोनों ने आपसी रजाबंदी से तलाक के लिए कोर्ट में आवेदन दे दिया.

दोनों कोर्ट में पेश हुए तो कोर्ट ने उनकी 11 वर्षीय बच्ची के सम्बन्ध में पूँछ लिया. कोर्ट ने पूंछा.. बच्ची किसके साथ रहेगी? उसकी पढाई लिखाई और भरण पोषण की जिम्मेदारी कौन लेगा? परन्तु दोनों ने बेटी को साथ रखने से इंकार कर दिया.

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कोर्ट ने तलाक की डिक्री की खारिज

कोर्ट ने यह कहते हुए तलाक की डिक्री खारिज कर दी कि पहले बेटी किसके साथ रहेगी, उसकी जिम्मेदारी कौन उठाएगा यह तय करें. इस पर भी आम सहमति से विचार करें, और उसके भविष्य को सुनिश्चित करें, इसके बाद ही तलाक मिलेगा. कोर्ट ने बेटी को मां के साथ भेज दिया है.

बेटी को लेकर पति पत्नी का कोर्ट परिसर के बाहर भी विवाद

बताया जा रहा है कि बेटी को लेकर दम्पति में कोर्ट परिसर में भी विवाद हुआ था. दोनों ही बेटी को अपने साथ रखने के लिए तैयार नहीं हैं. इसके लिए दोनों की काउंसिलिंग भी की गई, लेकिन उस पर भी कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया है. वहीं कोर्ट में बच्ची के ताऊ भी मौजूद थें, जिन्होंने भी बच्ची को अपने पास रखने से इंकार कर दिया था.

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