मोरबी ब्रिज हादसा अपडेट: पुलिस ने मजदूरों और सुरक्षा गार्ड को 141 लोगों की मौत का जिम्मेदार बताया

Morbi Bridge Incident Update: मोरबी ब्रिज हादसे में पुलिस ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया है कोई मजदूर तो कोई सिक्योरिटी गार्ड

Update: 2022-11-01 07:12 GMT

मोरबी सस्पेंशन ब्रिज हादसा: गुजरात के मोरबी में बीते दिन हुई घटना में 141 लोगों के मौत होने की पुष्टि हुई है. इस मामले में अब असली जिम्मेदारों को बचाने का काम पुलिस ने शुरू कर दिया है. सोमवार को पुलिस ने मोरबी हादसे का जिम्मेदार बताते हुए छोटे पद के कर्मचारियों को मजदूरों को अरेस्ट किया है. जिनमे ओरेवा कंपनी के दो मैनेजर, दो मजदूर, तीन सुरक्षा गार्ड और दो टिकट क्लर्क शामिल हैं. 

पुलिस ने FIR में पुल ऑपरेटर कंपनी ओरेवा का जिक्र तक नहीं किया और न ही मोरबी सस्पेंशन ब्रिज का रेनोवेशन करने वाली कंपनी देवप्रकाश सोल्यूशन का नाम दर्ज किया। पुल की निगरानी करने वाले नगर निगम के इंजीनियर का भी नाम FIR में नहीं है. मोरबी  पुलिस और प्रशासन सिर्फ छोटे पद के कर्मचारियों को 141 मौतों का जिम्मेदार बता रही है. 

25 मिनट में जांच पूरी हो गई 

मोरबी पुल हादसे में 141 लोगों ने अपनी जान गंवाई है, इस मामले में राज्य सरकार ने जांच करने के लिए 5 अफसरों की टीम बनाई थी. इन आला दर्जे के अफसरों ने सिर्फ 25 मीनट में अपनी जांच पूरी कर ली और 9 लोगों को मोरबी ब्रिज हादसे का जिम्मेदार ठहरा दिया। 

दोषियों को बचा रही मोरबी पुलिस 

मोरबी पुलिस 9 छोटे कर्मचारियों पर हादसे का  दोष मढ़ रही है. जबकि इस वारदात का असली दोषी तो कोई और ही है. 

1. ओरेवा कंपनी- मोरबी सस्पेंशन ब्रिज की मरम्मत का काम ओरेवा कंपनी को मिला था. 6 महीने तक मरम्मत का काम चला जिसके लिए 2 करोड़ रुपए का पेमेंट हुआ. मगर कंपनी ने बिना फिटनेस टेस्ट किए पुल को शुरू कर दिया। 100 लोगो की क्षमता वाले पुल में ज़्यादा टिकट बेचने के चक्कर में 400 लोगों से जाने दिया। पुल शुरू हुआ तो नगर पालिका के किसी अफसर को बुलाया नहीं गया 

2. मोरबी नगर पालिका- मोरबी नगर पालिका का कहना है कि ओरेवा ने नगर पालिका को बताए बिना पुल शुरू किया, लेकिन पुल के शुरू होने की जानकारी लगने के बाद भी नगर पालिका ने उसे बंद नहीं करवाया न उसकी जांच की 

3. मोरबी कलेक्टर- मोरबी ब्रिज की मरम्मत का काम मोरबी कलेक्टर की मौजूदगी में हुआ था. FIR में कहीं भी कलेक्टर का नाम नहीं है और न ही नगर पालिका CMO का नाम दर्ज है 

4. देवप्रकाश सोल्यूशन- ब्रिज का काम देख रही देवप्रकाश सोल्यूशन और उन सरकारी अधिकारीयों पर FIR दर्ज नहीं हुई जो पुल की देखरेख, फिटनेस, परमिशन देने के जिम्मेदार थे. 

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