जारी रहेगी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में तेजी, चिदंबरम बोले- GST के दायरे में लाए सरकार

Get Latest Hindi News, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, Today News in Hindi, Breaking News, Hindi News - Rewa Riyasat;

Update: 2021-02-16 06:00 GMT

नई दिल्ली। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रोज लुढ़क रहे रुपए ने ईंधन के दामों में आग लगा दी है। मंगलवार को देश में पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान पर पहुंच गए। इसके बाद एक बार फिर इस पर विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल को जल्द से जल्द जीएसटी के दायरे में लेकर आए।

चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी अपरिहार्य नहीं है क्योंकि कीमत का आधार पर लगने वाला अत्यधिक कर है। अगर टैक्स कम कर दिया जाए तो दामों में भी कमी आएगी।

इस कारण बढ़ रहे दाम

दरअसल, ईरान व वेनेजुएला में संकट के कारण कच्चे तेल का उत्पादन घटने के आसार हैं। इससे आने वाले दिनों में भी दाम कम होने की संभावना नहीं है। रुपया 21 पैसे टूटकर 71.22सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 21 पैसे और गिरकर 71.22 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ। इससे तेल का आयात और महंगा हो गया है। मुंबई में पेट्रोल 86.56 रुपए लीटरसोमवार को दिल्ली में पेट्रोल 79.15 रुपए और डीजल 71.15 रुपए प्रति लीटर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। वहीं मुंबई में पेट्रोल 86.56 रु. व डीजल 75.54 रु. पर पहुंच गया।

ना केंद्र और ना राज्य दे रहे राहत

पेट्रोल व डीजल की कीमत देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग हैं। केंद्र ने इन्हें जीएसटी में लाने की बात कही थी, लेकिन कई राज्यों के विरोध के कारण ऐसा नहीं हो पा रहा है। इन पर राज्य वैट के रूप में काफी शुल्क वसूलते हैं। केंद्र का भी उत्पाद शुल्क में कोई रियायत देने का संकेत नहीं है।

15 दिन में पेट्रोल दो और डीजल 2.42 रुपए महंगा

पिछले 15 दिन में पेट्रोल में दो रुपए और डीजल में 2.42 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है। देश के दूसरे सभी मेट्रो शहरों में उक्त दोनो उत्पादों की कीमतें दिल्ली से भी ज्यादा है।

चालू खाते का घाटा बढ़ेगा

कच्चा तेल महंगा होने का सबसे ज्यादा असर चालू खाते के घाटे पर पड़ने की आशंका है। भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी से ज्यादा क्रूड आयात करता है। इसलिए काफी मात्रा में विदेशी मुद्रा इस पर खर्च करना पड़ती है।

तेल में आग की वजहें

1. डॉलर के मुकाबले रुपया एक पखवाड़े में 1.06 रुपए गिरा।

2. 16 अगस्त से तीन सितंबर तक कच्चा तेल 7 डॉलर प्रति बैरल चढ़ा।

3. ईरान के व्यापार पर अमेरिकी पाबंदी व आंतरिक अस्थिरता से वेनेजुएला का तेल उत्पादन घटकर एक तिहाई रहना।

4. अमेरिका-चीन के बीच प्रतिस्पर्धा का विश्व अर्थव्यवस्था पर दुष्प्रभाव पड़ने की आशंका।

"वन नेशन, वन कार्ड" व शेयरिंग राइड योजना

महंगे ईंधन के दौर में सरकार सस्ते व सुलभ परिवहन के विकल्पों पर विचार कर रही है। सार्वजनिक परिवहन के लिए देश में जल्द ही "वन नेशन-वन कार्ड" योजना लागू की जाएगी। ये कार्ड आवागमन के कई तरह के साधनों में किराए के भुगतान के लिए प्रयोग में लाया जा सकेगा। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने "फ्यूचर मोबिलिटी समिट 2018" में यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य नागरिकों को सार्वजनिक साधनों के उपयोग के लिए प्रेरित करना है। इसके लिए अगली पीढ़ी का ट्रांसपोर्ट सिस्टम बनाना होगा। आयोग के सलाहकार अनिल श्रीवास्तव ने कहा, सरकार पर्यावरण हितैषी परिवहन व्यवस्था बना रही है। लोगों को वाहन साझा (शेयरिंग राइड) कर सहयोग देना चाहिए। खुद के वाहन में चलने की मानसिकता छोड़नी चाहिए।

Similar News