छत्तीसगढ़ के शिक्षा बजट पर केंद्र ने चलाई कैंची, 50 फीसद की कटौती
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रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्कूली शिक्षा को केंद्र सरकार ने तगड़ा झटका दिया है। केंद्र प्रवर्तित योजनाओं के लिए प्रदेश ने 2600 करोड़ रुपये की जरूरत का प्रस्ताव भेजा था जिसे केंद्र सरकार ने नकार दिया है। केंद्र ने सिर्फ 1300 करोड़ रुपये का बजट दिया है। यह स्थिति तब है जब प्रदेश में पहली बार शिक्षा का दायरा बढ़ाकर कक्षा एक से बारहवीं तक की शिक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार को सौंपी गई।
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) और सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) दोनों को मिलाकर समग्र शिक्षा अभियान नाम दिया, लेकिन बजट में कटौती कर दी गई। ऐसे में बच्चों को गुणवत्ता वाली शिक्षा देने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं।
यूनिफार्म व किताबों का भी नहीं बढ़ा बजट
सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्राइमरी-मिडिल के बच्चों को यूनिफार्म, किताबें मिलती हैं। बालिकाओं को प्रोत्साहित करने वाली नेपजेल योजना, मूलभूत सुविधा में पेयजल, शौचालय, बाउंड्रीवाल, अतिरिक्त कक्षाएं, प्रधानपाठक का कक्ष, दिव्यांग बच्चों के लिए व्हील चेयर, रैम्प आदि के बजट में कटौती हुई है।