छत्तीसगढ़ में भी शराबबंदी कानून लागू हो सकता है : मुख्यमंत्री रमन सिंह
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बिहार की ही तरह अब छत्तीसगढ़ में भी शराबबंदी कानून लागू हो सकता है। इसके असर को देखने के लिए छत्तीसगढ़ के सरकारी अफसरों और नेताओं की एक टीम ने बिहार का दौरा किया। उन्होंने शुक्रवार को मुख्यमंत्री के सलाहकार अंजनी कुमार सिंह और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक भी की। दरअसल बैठक में मुख्यमंत्री को शामिल होना था लेकिन अस्वस्थ होने के कारण वह बैठक में नहीं आ पाए और उनके सलाहाकार को बैठक में शामिल होना पड़ा। यह बैठक सीएम नीतीश के आवास पर हुई थी। छत्तीसगढ़ से आए 11 लोगों के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि उनके मुख्यमंत्री रमन सिंह भी राज्य में शराब पर प्रतिबंध चाहते हैं और वह राज्य में शराबंदी कानून लागू करने के लिए अनुकूल माहौल बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि सीएम इस कानून को लागू करने के लिए गंभीर हैं इसलिए उन्होंने ये टीम बिहार भेजी है। जिससे इस कानून के विभिन्न पहलुओं पर अध्ययन किया जा सके। प्रतिनिधिमंडल के मुताबिक उन्हें सीएम नीतीश कुमार के सलाहकार ने बताया है कि 5 अप्रैल 2016 में शराब पर लगाए गए प्रतिबंध के लिए किस प्रकार बिहार में माहौल बनाया गया था। साथ ही शराबबंदी के इस कठिन काम को कैसे अंजाम दिया गया। सीएम के सलाहकार अंजनी कुमार ने छत्तीसगढ़ से आई टीम को बताया कि बिहार में ऐसा कदम उठाना बेहद ही मुश्किल था। आलोचकों ने तो ये भी कहा था कि सरकार के इस कदम से 5,000 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा हुआ है।
टीम ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में शराबंदी का असर देखने के लिए दौरा भी किया। उन्होंने कहा कि वह जिन भी क्षेत्रों में गए वहां महिलाओं ने सरकार के इस कदम की खूब सराहना की। अध्ययन दल में बस्तर के सांसद दिनेश कश्यप, जंजगीर चंपा की सांसद कमला देवी पटले, कवर्धा के विधायक अशोक साहू, कुनकुरी के विदायक रोहित कुमार साईं, छत्तीसगढ़ के उत्पाद एंव निबंधन विभाग के सचिव डीडी सिंह तथा अन्य लोग शामिल थे। जानकारी के लिए बता दें बिहार में शराबबंदी पर एक सर्वे भी हुआ है। जिसमें यह बात सामने आई है कि जो लोग पहले शराब पर पैसा बर्बाद करते थे वह अब उन्हीं पैसों का इस्तेमाल अचछे खान-पान, शिक्षा और रहन-सहन में कर रहे हैं।