Ex MLA ने इस तरह दिया Double Murder को अंजाम, चार साल पहले मां-बेटी को उतारा था मौत के घाट
Get Latest Hindi News, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, Today News in Hindi, Breaking News, Hindi News - Rewa Riyasat;
रायगढ़। चार वर्ष पूर्व 7 मई 2016 को रायगढ़ के संबलपुरी में पाई गई दो महिलाओं की लाश मिलने के मामले में अंतत: ओडिशा के पूर्व विधायक ने अपनी गलती कबूल कर ली है। उसने स्वीकार कर लिया है कि वे ही उनके हत्या के जिम्मेदार हैं। दोनों मृतक महिलाएं आपस में मां-बेटी थीं। इधर हत्या में संलिप्तता पाए जाने के बाद बीजू जनता दल ने इन्हें पार्टी और स्टेट वेयर हाउसिंग कारपोरेशन के चेयरमैन पद से भी हटा दिया है।
पूर्व विधायक अनूप साय ओडिशा के बृजराजनगर से तीन बार विधायक रह चुके हैं। पहले वे कांग्रेस पार्टी से विधायक थे बाद में सत्ताधारी बीजू जनता दल में शामिल हो गए थे। मृतक कल्पना दास एक वकील थी और विधायक अनूप साय के नाम से खरीदे गए कटक के एक फ्लैट में भी रहती थी। दोनों के बीच में अवैध संबंध था और उसे रास्ते से हटाने के लिए उसका कत्ल कर दिया था।
जिले के थाना चक्रधरनगर अन्तर्गत हमीरपुर मार्ग पर मां साकम्बरी प्लांट के पास महिला एवं बालिका के दोहरे हत्याकांड मेंजिले के वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन एवं चक्रधरनगर, कोतवाली, कोतरारोड, सायबर सेल के लगातर किए गए अथक प्रयास से घटना के 3.7 वर्ष बाद इस दोहरे हत्याकांड का मुख्य आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है।
एक महिला और एक नाबालिग लड़की की जघन्य हत्या और हाई प्रोफाईल व्यक्ति का नाम आने पर प्रकरण गंभीर एवं संवेदनशील था प्रकरण की विवेचना में लगातार चक्रधनगर पुलिस को वरिष्ठ अधिकारियों का मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा था जिससे चक्रधरनगर थाने में तबादले बाद आये थाना प्रभारियों द्वारा उसी ऊर्जा के साथ इस प्रकरण का खुलासा करने में लगे रहे, अन्तत: पुलिस को सफलता मिली है।
शुक्रवार को घटना का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने बताया कि सात मई 2016 को संबलपुरी गांव के रहने वाले कमलेश गुप्ता ने चक्रधरनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि हमीरपुर मार्ग एक महिला व एक बालिका की हत्या कर शव की पहचान छिपाने के उद्देश्य से फेंक दिया गया है। रिपोर्ट पर थाना चक्रधरनगर में अज्ञात आरोपी के विरूद्ध अपराध दर्ज कर विवेचना शुरू की गई।
घटनास्थल के आसपास के ग्रामों में पूछताछ सीसीटीवी फुटेज, कई मोबाइल टावर के डाटा का एनालिसिस किया गया साथ ही पूरे जिले के गुम इंसानों को छानबीन करने के बाद भी दोनों शव की शिनाख्त न होने से तत्कालीन पुलिस अधीक्षक के दिशा निर्देशन पर पुलिस की टीमें ओडिसा, बिहार, महाराष्ट्र, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल के कई जिलों में शिनाख्तगी का प्रयास किया गया।
जिला पुलिस द्वारा अन्तर्राज्यीय ईश्तहार जारी किया गया और इसी ईश्तहार से मृतिका की पहचान उसके पूर्व पति सुनील श्रीवास्तव द्वारा कल्पना दास पिता रूदाक्ष दास उम्र 32 वर्ष और लड़की बबली श्रीवास्तव पिता सुनील श्रीवास्तव उम्र 14 वर्ष के रूप में की गई। इसके पश्चात चक्रधरनगर पुलिस की जांच में गति आई और मृतिका कल्पना दास के मोबाईल नम्बर का डिटेल निकालकर विशलेषण कर अन्य साक्ष्यों को एकत्र किया जाने लगा। मृतिका के कॉल डिटेल पर ओडिसा के हाई प्रोफाईल व्यक्ति के नाम की जानकारी मिली जिसके विरूद्ध चक्रधरनगर पुलिस पुख्ता साक्ष्य जुटाने में जुट गई।
संदेही के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य के मिलने पर थाना प्रभारी चक्रधरनगर निरीक्षक विवेक पाटले द्वारा पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह को अवगत कराया गया जिनके दिशा निर्देशन पर संदेही अनूप कुमार साय, पूर्व विधायक ओडिस को चक्रधरनगर पुलिस द्वारा नोटिस देकर थाना तलब किया गया था। संदेही अनूप कुमार साय के थाना चक्रधरनगर आने पर अधिकारियों के सुपरविजन में पूछताछ की गई। काफी पूछताछ बाद भी संदेही इस अपराध से अपने आप को दर किनार कर रहा था।
लंबी विवेचना के बीच चक्रधरनगर पुलिस ने संदेही के विरुद्ध लिए गए गवाहों के बयान, कॉल डिटेल रिकार्ड व अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्यों को उसके सामने रखा। संदेही इस पर कोई जवाब नहीं दे पाया और अन्तत: टूटकर इस अपराध में अपनी प्रमुख भूमिका को स्वीकार करते हुए घटना करना कबूल किया, जिससे इस अंधे हत्याकांड का खुलासा हुआ।
आरोपी अनूप कुमार साय पिता हरिशचन्द्र साय उम्र 59 वर्ष निवासी बघरा चकरा थाना बृजराजनगर जिला झारसुगुड़ा (ओडिसा) ने अपने मेमोरेण्डम कथन में बताया कि वह पूर्व विधायक है। वर्तमान में वह ओडिशा में स्टेटवेयर हाऊस कार्पोरेशन का चेयरमेन भी है। सन 2004-05 में कल्पना दास को उसके पति सुनील श्रीवास्वत ने छोड़ दिया था।
तब कल्पना दास के पिता ने कल्पना और उसकी लड़की बबली को उसके पास भेजा था। मृतका कल्पना व आरोपी पूर्व विधायक के बीच प्रेम संबंध पनपा और दोनों मिलने जुलने लगे। इसके बाद पूर्व विधायक ने एक फ्लैट खरीद कर कल्पना और उसकी बेटी को रहने के लिए दिया और वहां आने-जाने लगा। आरोपी ने बताया कि बाद में कल्पना शादी का दबाव बनाने और पैसे की मांग को लेकर ब्लैकमेल करने लगी।
पहले से शादीशुदा आरोपी ने महिला को रास्ते से हटाने के लिए उसकी और उसकी 14 साल की बेटी की निर्ममता से हत्या कर दी और शव को ठिकाने लगा कर फरार हो गया। आरोपित ने इस जुर्म की सजा से बचने के लिए तमाम हथकंडे चले, लेकिन अंतत: वह कानून के शिकंजे में आ ही गया।