PM MODI का बड़ा ऐलान, अब न अनाज सड़ेगा और न ही गलेगा, पढ़िए पूरी खबर
रेल मंत्रालय ( Railway Ministry ) और भारतीय खाद्य निगम आपस में एक दूसरे का सहयोग करेंगे। देश में अनाज को सडऩे और गलने से बचाने के लिए रेलवे की खाली जमीन पर गोदाम बनाने की कवायद शुरू हो गई है।
एफसीआई ने रेलवे को इसके लिए 87 लोकेशन की सूची सौंपी थी जिनमें से 36 लोकेशन चिह्नित किए गए हैं और इनमें से भी 24 स्थानों का संयुक्त रूप से निरीक्षण किया जा चुका है। सीआरडब्ल्यूसी ने 1.30 लाख टन भंडारण के लिए गोदाम बनाने को लेकर 11 जगहों पर रेलवे की जमीन की सूची सौंपी है जिनमें से गुजरात के गांधीधाम और पश्चिम बंगाल के संकरैल के लिए रेलवे ने आआरडब्ल्यूसी को सकारात्मक संकेत दिया है जबकि बाकी जगहों के संबंध में रेलवे की स्वीकृति का इंतजार है।
खाद्य मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार एफसीआई के पास इस समय खुद के 545 गोदाम हैं जिनकी भंडारण क्षमता 153.70 लाख टन है जबकि किराए पर 1622 गोदाम हैं, जिनकी क्षमता 261.53 लाख टन है। इसके अलावा राज्यों की एजेंसियों के खुद व किराए के गोदामों की भंडारण क्षमता 358.93 लाख टन है।
मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, छह अगस्त 2020 को एफसीआई के पास अनाज का कुल भंडार 750.19 लाख टन था जिसमें 241.47 लाख टन चावल और 508.72 लाख टन गेहूं शामिल है। सरकार ने इस साल रबी सीजन में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर रिकॉर्ड 389.91 लाख टन गेहूं खरीद की है।
सरकार के पास अनाज का पर्याप्त भंडार होने से ही कोरोना काल में मुफ्त अनाज वितरण योजना शुरू हो पाई। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत अप्रैल से देश में खाद्य सुरक्षा कानून के तहत आने वाले सार्वजनिक वितरण प्रणाली के प्रत्येक लाभार्थी को हर महीने पांच किलो अनाज दिया जा रहा है।