मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना शुरू हुई, पर्व एवं त्योहार पर मिलेंगे ₹10000

Mukhya Mantri Adivasi Parab Samman Nidhi Yojana 2023

Update: 2023-07-07 05:12 GMT

Mukhya Mantri Adivasi Parab Samman Nidhi Yojana 2023: किसी भी समाज के पहचान उसकी अपनी सांस्कृतिक, सामाजिक विरासत से होती है। हर समाज के लिए आवश्यक है कि वह अपने सामाजिक विरासत और संस्कृति के संरक्षण और विकास लिए सदैव प्रयास करें। इसी सोच के साथ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदिवासी समाज की संस्कृति और पर्व परंपराओं को संरक्षण प्रदान करने की एक नई योजना शुरू की है

। जिसका नाम है मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि (Mukhya Mantri Adivasi Parab Samman Nidhi Yojana 2023)। हालांकि इस योजना की घोषणा बहुत पहले वर्ष के शुरुआत में की गई थी। अभी इसे लागू किया जा चुका है। आदिवासी समाज के लोगों को प्रथम किस्त भी दी जा चुकी है। भूपेश बघेल सरकार ने इसके लिए बजट भी निश्चित कर दिया है।

क्या है मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि | Mukhya Mantri Adivasi Parab Samman Nidhi Yojana 2023

गणतंत्र दिवस के अवसर पर आदिवासी समाज की संस्कृत और पर्व परंपराओं को कायम रखने के लिए एक विशेष योजना की घोषणा की गई थी। इसे नाम दिया गया मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि। इस योजना के माध्यम से आदिवासी समाज के लोगों को उनकी अपनी सांस्कृतिक विरासत को बचाए रखने, उसे संरक्षण और प्रोत्साहन देने सरकार ने विशेष व्यवस्था की है। इस योजना के माध्यम से बस्तर संभाग के 1840 ग्राम पंचायतों को पहली किस्त के रूप में 5-5 हजार रुपए दिए गए हैं। साथ ही कहा गया है कि चुनिंदा त्योहारों के समय आयोजन के लिए यह राशि दी जाएगी।

बजट किया निर्धारित

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केवल घोषणा बस नहीं की इसे लागू करते हुए वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में 5 करोड़ रुपए का प्रावधान भी निर्धारित कर दिया है। साथ में योजना संचालन के लिए ग्राम स्तरीय एवं अनुभाग स्तरीय निकाय का गठन करने की व्यवस्था कर दी है।

योजना के माध्यम से हर वर्ष गांव में जनजातियों के उत्सवों और त्यौहारों को धूमधाम से मनाया जाएगा। सरकार की यह परिकल्पना है कि आने वाले दिनों में आधुनिकता की दौड़ में इनकी विरासत विलुप्त न हो जाए इस पर काम करने की आवश्यकता थी।

इन त्योहारों को किया गया शामिल

जानकारी के अनुसार क्योंकि प्रमुख त्योहारों की संस्कृति और परंपरा को संरक्षित करने के लिए किए गए इस प्रयास में कुछ खास त्योहारों को शामिल किया गया। इसमें मेला, मड़ई, जात्रा पर्व, सरना पूजा, देव गुड़ी, छेरछेरा, अक्ती, नवाखाई तथा हरेली जैसे त्योहारों को शामिल किया गया है।

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