Story Of Ray-Ban In Hindi: सन ग्लासेस बनाने वाली कंपनी Ray Ban की कहानी, जो सिर्फ Pilots के लिए चश्मा बनाती थी
Story Of Ray-Ban In Hindi: Ray.Ban सिर्फ जेट प्लेन उड़ाने वाले फाइटर पायलट के लिए सन ग्लासेस बनाती थी
Ray-Ban की कहानी: जब भी अच्छे किस्म के ब्रांडेड सन ग्लासेस की बात होती है तो Ray-Ban का नाम टॉप में होता है. जिस तरह Royal Enfield बाइक्स सिर्फ आर्मी के लिए, Old Monk रम ब्रिगेडियर फौजियों के लिए बनाई जाती थी ठीक वैसे ही Ray Ban Sunglasses भी फाइटर पायलट के लिए बनाए जाते थे. मगर आज Ray.Ban हर नौजवान की पहली पसंद है और जो इसे अफोर्ड नहीं कर पाते वो Ray-Ban First Copy तो खरीद ही लेते हैं. आइये रे बेन कंपनी की कहानी (The Story Of Ray-Ban Company) जानते हैं
Ray Ban की कहानी
Story Of RAY BAN: बात 20वीं सदी की है. जब ऐसा चस्मा युवाओं में काफी पॉपुलर हो गया था जिसे खास एयरफोर्स पायलट्स के लिए बनाया जाता था. वो ऐसा दौर था जब AF Pilots को माउन्ट एवरेस्ट से भी ऊपर विमान उड़ाने की स्वतंत्रता मिल गई थी. यह काफी रोमांचक तो था ही मगर पायलट्स को एक बड़ी परेशानी से जूझना पड़ता है. और वो परेशानी थी सूर्य की तेज रौशनी। 30 हज़ार फ़ीट से अधिक ऊंचाई पर जब पायलट विमान उड़ाते थे तो सूर्य की किरणे सीधा पायलट्स के आँखों में पड़ती थीं.
इससे वो कुछ देख नहीं पाते थे और उनका सिर दर्द होने लगता था. तभी से पायलट्स ने लेदर की हुडी वाले काले-ग्लास वाले चश्मे लगाने की शुरुआत की थी. लेकिन वह भी सूर्य की किरणों से आंखों को बचाने के लिए पर्याप्त नहीं थे. और उस हुडी वाले पट्टेदार चश्मों से उन्हें खुलजी होने लगती थी. तब जाकर खास डिज़ाइन वाले सनग्लासेस इजात किए गए.
RAY BAN नाम किसने रखा
Who Named Ray-Ban: इन चश्मों को एविएटर (Aviator) नाम दिया गया था. क्योंकि ये सूर्य की किरणे यानी कि Rays को ग्लास से उस पार जाने से रोकती थीं इसी लिए इसे Ray-Ban यानी किरणों रोकने वाला कहा जाने लगा.
रे बैन का फाउंडर
Founder Of Ray-Ban: इस खास चश्मे का आईडिया अमेरिकी वायुसेना कर्नल मैकरेडी (US Air Force Colonel McCready) को आया था. क्योंकि वह सूर्य की रौशनी का तोड़ तोड़ निकालना चाहते थे. कर्नल ने अपना आईडिया एक चश्मा बनाने वाले ऑप्टिशियन जॉन बॉस (Optician John Boss) से शेयर किया। और यहीं से Ray-Ban एक कंपनी बनी. 1929 में जॉन बॉश ने अपने बिज़नेस पार्टनर लॉम्ब के साथ मिलकर रे-बैन शुरू कर दी
एयर फ़ोर्स पायलट द्वारा पहनने के बाद यह मार्केट में लॉन्च हुआ. शुरुआती तौर पर इसे आंखों की सुरक्षा करने वाले साइंटफिक चश्मे के रूप में प्रमोट किया गया. 1937 में Ray.Ban ने अपना पहला Anti Glare Aviator पेश किया और उसके बाद मेटल फ्रेम मार्केट में छा गए.
जब अमेरिकी सेना ने इस चश्मे को World War 2 में पहना तो यह पूरी दुनिया में पॉपुलर हो गया. अमेरिकी फ़ौज के जनरल डगलस मैकआर्थर (General Douglas MacArthur) ने भी इसे पहना। और ऐसे ही सैनिकों के जरिए कंपनी की दुनियाभर में ब्रांडिंग हो गई.
टॉम क्रूज़ ने रे बैन को दिवालिया होने से बचाया
Tom Cruise saved Ray Ban from bankruptcy: पॉपुलर होने के बाद भी Ray-Ban दिवालिया होने की कगार पर खड़ा हो गया था. मार्केट में और नए चश्मे आ गए जिससे रेबैन की सेल घटकर 18 हज़ार यूनिट हो गई. कंपनी ने प्रोडक्शन रोकने का फैसला कर लिया तब टॉम क्रूज़ ने इस कंपनी को डूबने से बचा लिया
1983 में टॉम की फिल्म आई Risky Business जिसमे बाइक राइडिंग करते हुए क्रूज़ ने रेबैन का वेफरर ग्लास पहना हुआ था. इस फिल्म के रिलीज होने के बाद Ray-Ban की सेल 40% बढ़ गई. प्रोडक्शन 18 हज़ार से 60 हज़ार पहुंच गया. इसके बाद Tom Cruise ने अपनी Top Gun में भी इस कंपनी के चश्मे को पहना और फिर से सेल अचानक से बढ़ गई.
1999 में Bausch & Lomb ने इस कंपनी को इटेलियन आई वेयर कंपनी Luxottica को 640 मिलियन डॉलर बेंच दिया और अब इसी कंपनी के अंदर Ray-Ban इटली और चाइना में बनता है.